देश: कृषि बिल को राहुल गांधी ने बताया 'मौत का फरमान', कांग्रेस ने कहा- आज भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन

देश - कृषि बिल को राहुल गांधी ने बताया 'मौत का फरमान', कांग्रेस ने कहा- आज भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन
| Updated on: 20-Sep-2020 10:28 PM IST
नई दिल्ली: कांग्रेस ने संसद से कृषि संबंधी विधेयकों को मंजूरी मिलने के बाद रविवार को इन्हें किसानों के खिलाफ ‘मौत का फरमान’ करार दिया और दावा किया कि नियमों और संसदीय परंपराओं की अहवेलना करके इन विधेयकों को मंजूरी दिलाई गई। पार्टी ने यह भी कहा कि लोकतंत्र विरोधी और असंसदीय व्यवहार के लिए विपक्षी दल राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे ख़ून के आंसू रुलाता है। राज्यसभा में आज जिस तरह कृषि विधेयक के रूप में सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ मौत का फरमान निकाला, उससे लोकतंत्र शर्मिंदा है।’’

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘आज भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। जिस तरह से सरकार ने किसान विरोधी विधेयक पारित कराया, वह नियम और परंपरा के विरूद्ध है। सरकार ने स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं, नियमों और परंपराओं को ध्वस्त कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि इन विधेयकों को पारित कराने के लिए लोकतंत्र विरोधी और असंसदीय व्यवहार करने के लिए राज्यसभा के उप सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उनका व्यवहार सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन के दायरे में आता है।’’

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री देश से झूठ बोल रहे हैं। वह किसान विरोधी हैं। वह खेती पर आक्रमण कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने तीनों विधेयकों को किसान के पक्ष में बताया। मोदी जी बताइए कि किसान को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कौन और कैसे देगा? क्या एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) 15।50 करोड़ किसानों के खेत से एमएसपी पर फसल ख़रीद सकती है? आपने क़ानून में एमएसपी पर फसल ख़रीद की गारंटी क्यों नहीं दी? क्या आढ़ती-मज़दूर फसल बेचने में मददगार है, या बंधन?’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह कुरुक्षेत्र है, जिसमें सरकार कौरव और किसान पांडव हैं। हम इस धर्मयुद्ध में पांडवों के साथ खड़े हैं। अब नीतीश कुमार, अकाली दल, टीआरएस और जजपा को तय करना है कि वे पांडवों के साथ हैं या फिर कौरवों के साथ हैं।’’ राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सरकार को अंतरात्मता में झांककर पूछना चाहिए कि इस तरह के विधेयक पारित कराकर और मतदान नहीं कराकर क्या सही काम किया है।

सरकार के 6 मंत्रियों ने की प्रेस कान्फ्रेंस

कांग्रेस की प्रेस कान्फ्रेंस से कुछ देर पहले मोदी सरकार के छह मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रेस कान्फ्रेंस में राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, थावर चंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी शामिल रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के आज के हंगामे के ऊपर चर्चा की और इस कृत्य की निंदा की।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने कभी भी किसानों के अहित की बात नही सोची है और सरकार हमेशा उनके भले के लिए कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मैं भी किसान हूं और जानता हूं कि सरकार कभी किसानों के भले के विरुद्ध नहीं जाएगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं खुद एक कृषक रहा हूं और किसानों की समस्याओं को लेकर जागरुक हूं, सरकार के लिए गए कदमों की मैं सराहना करता हूं और इन कानूनों से किसानों को वो आजादी मिलेगी जिसके लिए वो इतने सालों से इंतजार कर रहे हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यसभा में जो भी हुआ, वह बहुत दुखद और शर्मनाक है। हर किसी ने आसन के साथ हुई बदसलूकी को देखा है, सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ डाली, आसन के पास चले गए। मैंने संसद में इस तरह का गलत आचरण कभी नहीं देखा।

संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी।

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