Rajasthan Politics: राठौड़, पूनिया और मदन राठौड़ का 'सांप-सीढ़ी' बयान: राजनीति में डसने का दर्द
Rajasthan Politics - राठौड़, पूनिया और मदन राठौड़ का 'सांप-सीढ़ी' बयान: राजनीति में डसने का दर्द
पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की किताब के विमोचन समारोह में राजस्थान की राजनीति के दिग्गजों ने अपने अनुभवों को 'सांप-सीढ़ी' के खेल के माध्यम से साझा किया, जिससे कार्यक्रम में हंसी और चिंतन का माहौल बना।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सतीश पूनिया और उनमें एक बड़ी समानता है। उन्होंने बताया, "हम दोनों को सांप-सीढ़ि के सांप ने उस समय डंसा जब हम सत्तासी पर थे। " यह टिप्पणी 2023 के विधानसभा चुनावों में पूनिया और राठौड़ दोनों की हार की ओर इशारा थी, जब वे मजबूत स्थिति में माने जा रहे थे।
राजेन्द्र राठौड़ का ‘सांप’ का अनुभव
मदन राठौड़ की शिकायत और अनुभव
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए मदन राठौड़ ने मजाकिया लहजे में कहा, "आप मुझे कैसे भूल गए? सांप-सीढ़ि के खेल में मैं आपको याद नहीं रहा। हम में भी समानता हैं, आदरणीय पूनिया जी और राजेन्द्र राठौड़ जी, इस राठौड़ को अलग मत करो। " उन्होंने अपने राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा, "साल 2003 में मैं विधायक बना। लेकिन 2008 में शायद आपने ही मुझे डंस दिया होगा। 2013 में फिर से मुझे टिकट मिला और मैं जीत कर आया। लेकिन 2018 में फिर मुझे सतीश पूनिया जी ने डंस दिया होगा। " मदन राठौड़ ने इस बात पर जोर दिया कि यह खेल चलता रहता है।आगे भी रास्ता क्लीयर करूंगा
मदन राठौड़ ने सतीश पूनिया को आश्वस्त करते हुए कहा कि जब पूनिया आते थे, वह उनके लिए रास्ता साफ करते थे और आगे भी ऐसा ही करेंगे। उन्होंने राजेन्द्र राठौड़ पर चुटकी लेते हुए घनश्याम तिवाड़ी की प्रशंसा का भी जिक्र किया, जिससे राज्यसभा सीटों पर संभावित अटकलों को हवा मिली।होर्डिंग्स वाले नेताओं पर तंज
राजेन्द्र राठौड़ ने आजकल की युवा राजनीति पर भी टिप्पणी की और उन्होंने कहा कि आजकल नेता होर्डिंग्स और अच्छी गाड़ियों के साथ पैदा होते हैं, जबकि उन्होंने सतीश पूनिया को पैदल चलते और संघर्ष करते देखा है। उन्होंने पूनिया की किताब को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताया।