Rakesh Tikait News: राकेश टिकैत ने 'बांग्लादेश' वाली टिप्पणी पर दी ये सफाई

Rakesh Tikait News - राकेश टिकैत ने 'बांग्लादेश' वाली टिप्पणी पर दी ये सफाई
| Updated on: 28-Aug-2024 10:07 PM IST
Rakesh Tikait News: भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित एक किसान कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने हाल ही में दिए अपने विवादित बयान पर सफाई पेश की। टिकैत का यह बयान खासकर बांग्लादेश और श्रीलंका के संदर्भ में था, जिसे उन्होंने भविष्य में भारत की स्थिति के संभावित संकेत के रूप में प्रस्तुत किया था। इस बयान के बाद उन्हें व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा था, और कई संगठनों ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।

बयान पर सफाई: बयान को गलत ढंग से पेश किया गया

कार्यक्रम में राकेश टिकैत ने अपने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “लोगों को मेरा पूरा बयान दिखाना चाहिए था। मेरी बात को संदर्भ से बाहर ले जाकर पेश किया गया है।” उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की नई गाइडलाइन का हवाला देते हुए बताया कि किसी के बयान को गलत तरीके से पेश करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टिकैत ने स्पष्ट किया कि उनका बयान किसी देश विशेष को लेकर नहीं था, बल्कि भारतीय किसान और भविष्य की चुनौतियों के संदर्भ में था।

किसानों की समस्याओं पर आंदोलन जारी रखने की प्रतिबद्धता

राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि किसानों के मुद्दों पर आंदोलन आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने किसान दिवस पर किसानों से अपील की कि वे अपनी समस्याओं को सामने लाएं और सरकार के सामने रखें। टिकैत ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों के बीच आपसी विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि यह कोशिश किसान आंदोलनों को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है।

खालिस्तानियों से संबंध पर प्रतिक्रिया

जब टिकैत से खालिस्तानियों के साथ उनके संभावित संबंधों के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, “अगर किसी के पास ठोस सबूत हैं, तो उन्हें पेश किया जाए। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो उचित कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।” इस दौरान, टिकैत ने किसानों के मुद्दों पर खालिस्तानियों से संबंध को पूरी तरह से नकारा और इसे गलतफहमी बताया।

निष्कर्ष

मुजफ्फरनगर में हुए इस किसान कार्यक्रम ने स्पष्ट कर दिया कि राकेश टिकैत और उनकी यूनियन किसान मुद्दों पर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और वे किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन जारी रखेंगे। टिकैत का यह बयान न केवल विवादित रहा बल्कि इससे जुड़े आरोपों और प्रतिक्रियाओं ने किसान आंदोलन की दिशा और इसके भविष्य पर गहरा प्रभाव डाला है।

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