Mukesh Ambani: रिलायंस जियो 2026 में रच सकती है इतिहास, 15 लाख करोड़ के IPO से बनेगी देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी

Mukesh Ambani - रिलायंस जियो 2026 में रच सकती है इतिहास, 15 लाख करोड़ के IPO से बनेगी देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी
| Updated on: 07-Nov-2025 06:30 AM IST
साल 2026 मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष साबित हो सकता है। इंवेस्टमेंट बैंकर्स का अनुमान है कि रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स का वैल्यूएशन 170 अरब डॉलर यानी लगभग 15 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो इसे भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बना देगा। यह न केवल रिलायंस ग्रुप के लिए बल्कि पूरे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण घटना। होगी, क्योंकि यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) बनने की राह पर है।

ऐतिहासिक IPO की तैयारी

रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स का IPO साल 2026 की पहली छमाही में लॉन्च होने की उम्मीद है। मुकेश अंबानी ने स्वयं अगस्त में इस लिस्टिंग की संभावना का संकेत दिया था। यह IPO कई मायनों में खास होगा। सबसे पहले, इसका अनुमानित वैल्यूएशन इसे भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों में से एक बना देगा, जो मौजूदा समय में रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ खड़ा होगा। दूसरे, यह रिलायंस ग्रुप की किसी कंपनी का लगभग दो दशकों के बाद पहला। IPO होगा, आखिरी बार 2006 में रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी। यह निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करेगा और भारतीय पूंजी बाजार में एक नया अध्याय जोड़ेगा।

15 लाख करोड़ का अनुमानित वैल्यूएशन

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इंवेस्टमेंट बैंकर जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के लिए 170 अरब डॉलर तक की वैल्यूएशन का प्रस्ताव रख रहे हैं। यह प्रस्ताव रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वायरलेस कैरियर के रिकॉर्ड तोड़ IPO से पहले आया है और वर्तमान में, बैंकर्स के साथ बातचीत जारी है और जियो के लिए प्रस्ताव 130 अरब डॉलर से 170 अरब डॉलर तक के बीच हैं। इस बड़े वैल्यूएशन के साथ, जियो मार्केट कैप के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी दो या तीन कंपनियों में शामिल हो जाएगा। यह भारती एयरटेल लिमिटेड के मौजूदा वैल्यूएशन से काफी अधिक होगा, जिसका अनुमानित वैल्यूएशन लगभग 12. 7 लाख करोड़ रुपए (143 अरब डॉलर) है और मुकेश अंबानी के नियंत्रण वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड वर्तमान में लगभग 20 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैप के साथ भारतीय बाजार में सबसे आगे है।

वैश्विक टेलीकॉम दिग्गजों में शामिल होने की संभावना

दो दशक बाद रिलायंस ग्रुप का IPO

यदि जियो को 170 अरब डॉलर का उच्चतम वैल्यूएशन प्राप्त होता है, तो यह मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की शीर्ष 5 सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक बन सकती है। मौजूदा समय में, चीन की चाइना मोबाइल 21 लाख करोड़ रुपए से अधिक के मार्केट कैप के साथ वैश्विक स्तर पर नंबर 1 पर है। इसके बाद जापान का सॉफ्ट बैंक 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक के मार्केट कैप के साथ दूसरे स्थान पर है और अमेरिकी मोबाइल ऑपरेटर टी-मोबाइल यूएस का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपए है, जबकि चौथे नंबर पर अमेरिकी ऑपरेटर एटी एंड टी है, जिसका मार्केट कैप लगभग 15. 50 लाख करोड़ रुपए है। इस सूची में भारती एयरटेल वर्तमान में दुनिया की 7वीं सबसे बड़ी कंपनी है। जियो के इस लिस्ट में शामिल होने से भारत अमेरिका के बाद दूसरा ऐसा देश बन जाएगा जिसकी दो या उससे अधिक। टेलीकॉम कंपनियों का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगा, जो भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की बढ़ती वैश्विक प्रमुखता को दर्शाता है। रिलायंस ग्रुप के लिए यह IPO एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। 2006 में रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड के लॉन्च के बाद से, जियो की शेयर बिक्री रिलायंस की किसी प्रमुख व्यावसायिक यूनिट का पहला सार्वजनिक इश्यू होगा और यह दिखाता है कि मुकेश अंबानी अपने विभिन्न व्यवसायों को स्वतंत्र रूप से विकसित करने और उन्हें पूंजी बाजार में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जियो के IPO की तैयारी में कई साल लग गए हैं, खासकर जब मुकेश अंबानी ने 2019 में ही संभावित IPO के बारे में बात की थी और इस दौरान, मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक और अल्फाबेट इंक जैसी वैश्विक तकनीकी दिग्गजों ने जियो में 10 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया, जिससे कंपनी की क्षमता और विकास की संभावनाओं पर वैश्विक विश्वास मजबूत हुआ।

नए लिस्टिंग नियमों का प्रभाव

शुरुआत में यह उम्मीद की जा रही थी कि जियो का IPO 6 अरब डॉलर से अधिक जुटा सकता है, जो 2024 में हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड द्वारा जारी 3 और 3 अरब डॉलर के रिकॉर्ड को तोड़ देता। हालांकि, भारतीय लिस्टिंग नियमों में हालिया बदलावों के बाद यह राशि कम होने की संभावना है। संशोधित नियमों के तहत, लिस्टिंग के बाद 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक मार्केट कैप वाली कंपनियों को कम से कम 150 बिलियन रुपए के शेयर जारी करने होंगे और केवल 2 और 5 फीसदी इक्विटी का विनिवेश करना होगा। जियो के लिए, यदि वह उच्चतम वैल्यूएशन प्रस्ताव प्राप्त कर लेती है, तो यह राशि लगभग 4. 3 बिलियन डॉलर होगी। सूत्रों ने बताया कि जियो के ऑफर के विवरण पर अभी चर्चा चल रही है और रिलायंस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

बाजार में जियो की वर्तमान स्थिति

सितंबर के अंत तक, रिलायंस जियो के पास लगभग 506 मिलियन ग्राहक थे, और उस महीने की तिमाही में प्रति यूजर औसत रेवेन्यू (ARPU) 211. 4 रुपए था। इसकी तुलना में, भारती एयरटेल का ग्राहक आधार लगभग 450। मिलियन था और प्रति यूजर औसत रेवेन्यू 256 रुपए था। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि जियो के पास एक विशाल ग्राहक आधार है, जो इसके IPO के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। हालांकि, ARPU के मामले में भारती एयरटेल अभी भी आगे है, जो जियो के लिए भविष्य में राजस्व वृद्धि की संभावनाओं को उजागर करता है और कुल मिलाकर, 2026 भारतीय पूंजी बाजार और वैश्विक टेलीकॉम उद्योग दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा, जब रिलायंस जियो अपनी ऐतिहासिक लिस्टिंग के साथ एक नया अध्याय शुरू करेगी।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।