युद्ध का 53वां दिन: रूस का दावा- पूरा मैरियूपोल कब्जे में, यूक्रेनी सैनिकों से सरेंडर के लिए कहा, दोनबास इलाके में और तेज हुए हमले

युद्ध का 53वां दिन - रूस का दावा- पूरा मैरियूपोल कब्जे में, यूक्रेनी सैनिकों से सरेंडर के लिए कहा, दोनबास इलाके में और तेज हुए हमले
| Updated on: 18-Apr-2022 09:33 AM IST
रूस ने पूरे मैरियूपोल पर कब्जे का दावा किया है। इसे दो माह के युद्ध की सबसे बड़ी कामयाबी बताते हुए रूसी रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, रूसी सैनिकों ने मैरियूपोल के पूरे शहरी इलाके पर नियंत्रण कर लिया है। रूस ने कहा, अजोव सागर के किनारे 11 वर्ग किमी में बनी अजोवस्टाल स्टील फैक्ट्री मैरियूपोल में यूक्रेनी सैनिकों का आखिरी ठिकाना है। यहां से बच निकलने का कोई रास्ता नहीं है। वे सरेंडर करें तो जिंदा छोड़ दिया जाएगा।

रूस ने दावा किया, मैरियूपोल में करीब 4000 यूक्रेनी सैनिक मारे जा चुके हैं। यूक्रेन की तरफ से आत्मसमर्पण की सीमा खत्म होने तक कोई जवाब नहीं मिलने के बाद रूस ने फैक्ट्री पर हवाई हमले की चेतावनी दी। इस पर यूक्रेनी सेना ने कहा कि मैरियूपोल में पहले से हवाई हमले जारी हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, रूस जानबूझकर सबकुछ बर्बाद करने पर तुला है। मैरियूपोल सैनिकों की मौत हुई तो शांति के प्रयास खत्म हो जाएंगे।

पूरे यूक्रेन पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमले

रूसी रक्षा मंत्रालय ने मस्कवा पोत डूबने के बाद पूरे यूक्रेन पर मिसाइल हमले तेज करने का एलान किया था। रविवार को यूक्रेन के कई ऐसे इलाकों में भी हमले हुए, जहां कई दिन से शांति थी। पूरे यूक्रेन में रूस ने कई जगह लंबी दूरी की मिसाइलों से हमले किए। राजधानी कीव में बड़ा धमाका हुआ। रूस ने दावा किया कि हथियार फैक्ट्री को तबाह किया है। यूक्रेन ने लवीव के पास चार क्रूज मिसाइलों को नाकाम कर दिया।

मैरियूपोल रूस के लिए सबसे बड़ा इनाम

दावे के मुताबिक रूस ने मैरियूपोल पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, तो यह दो माह के युद्ध में अब-तक का सबसे बड़ा इनाम है। असल में 2014 में क्रीमिया को रूस में शामिल कर लिया था, लेकिन वहां तक रूस की सीधी पहुंच नहीं थी। मैरियूपोल पर रूसी नियंत्रण से क्रीमिया और डोनबास के बीच सीधा रास्ता तैयार हो जाएगा।

पहले ठोस कदम उठाएं जेलेंस्की: डूमा स्पीकर

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि वे क्रीमिया और नाटो में नहीं शामिल होने के मुद्दों पर रूस से बात करने को तैयार हैं, लेकिन रूस अब उनके बयानों पर भरोसा नहीं कर रहा है। रूसी संसद के निचले सदन (डूमा) के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोदिन ने जेलेंस्की पर नाटो से मदद लेने के लिए वक्त बर्बाद करने का आरोप लगाचे गुए कहा, वे ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा, रूसी फौज कीव तक पहुंच गई थी, तब भी जेलेंस्की ने यही पैंतरा खेला। इस पर रूस ने सेना वापस बुला ली थी। उन्होंने कहा, बात करना चाहते हैं तो जेलेंस्की पहले डोनेस्क व लुहांस्क से यूक्रेनी सेना वापस बुलाएं।

बुल्गारिया ने रूसी जहाजों पर प्रतिबंध लगाया

यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के तहत बुल्गारिया ने रूसी जहाजों के काला सागर बंदरगाहों में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। समुद्री प्रशासन ने आदेश में कहा, रूस के जहाजों को बुल्गेरियाई समुद्र, नदी बंदरगाहों तक पहुंचने से प्रतिबंधित किया जाता है। केवल मानवीय सहायता की मांग करने वाले संकटग्रस्त या यूरोपीय संघ के देशों में ऊर्जा उत्पादों, खाद्य और फार्मास्यूटिकल्स ले जाने वाले जहाजों को अपवादस्वरूप प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।


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