आरक्षण नहीं मिलने का मुद्दा उठाया: सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को याद दिलाया घोषणा पत्र का वादा

आरक्षण नहीं मिलने का मुद्दा उठाया - सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को याद दिलाया घोषणा पत्र का वादा
| Updated on: 12-Sep-2020 08:15 PM IST

सचिन पायलट द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा एक पत्र शनिवार को सामने आया। यह पत्र 10 दिन पहले लिखा गया था। पिछले माह हुए विवाद के बाद पायलट का गहलोत का लिखा गया यह पहला पत्र है। इसमें पायलट ने गहलोत को 2018 के चुनावी घोषणा पत्र की याद दिलायी है। पायलट ने इस पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार की नौकरियों में विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। एसबीसी में गुर्जर समेत 5 जातियां शामिल हैं।

दरअसल, मई 2010 में विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत इन पांच जातियों को 1 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा था। बाद में राज्य सरकार ने नौकरियों में विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत 4% आरक्षण बढ़ाकर 5% कर दिया था।हालांकि, सरकार की तरफ से इसको अधिसूचित नहीं किया गया। ऐसे में जो भी भर्ती राज्य सरकार की तरफ से निकाली गई है, उनमें गुर्जर और अन्य जातियों के परीक्षार्थियों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पत्र में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा 2018 के घोषणा पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया था।


सचिन ने पत्र में भर्तियों के नाम भी बताए

पायलट ने पत्र में उन भर्तियों की लिस्ट भी दी जिसमें 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा। इनमें पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018, रीट भर्ती 2018, पंचायती राज एलडीसी भर्ती 2013, टेक्निकल हेल्पर भर्ती 2018, नर्सिंग भर्ती 2013 और 2018, जेल प्रहरी भर्ती 2018, आशा सुपरवाइजर भर्ती 2016, कॉमर्शियल असिस्टेंट भर्ती 2018, द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 और अन्य शामिल की गईं।


पायलट ने अपने पत्र में लिखा है कि इससे पहले की कांग्रेस सरकार में सन् 2011 में समझौता हुआ था कि 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद एसबीसी के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे। फरवरी 2019 में एसबीसी प्रतिनिधियों से बीच हुए समझौते के अनुसार 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद स्वीकृत करने और वर्तमान में चल रही भर्तियों में पद स्वीकृत के आदेश जारी होने के बाद भी कुछ भर्तियों को छोड़कर बाकी में 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।

इसके साथ सचिन पायलट ने लिखा कि देवनारायण बोर्ड और देवनारायण योजना के अन्तर्गत आने वाले काम भी लगभग ठप्प पड़े हैं। जो पहुंच पीड़ादायक है। समय-समय पर लोग मिलकर दोनों योजनाओं पर काम करने की मांग करते हैं।

बता दें कि जुलाई में गहलोत और पायलट गुट में विवाद हुआ था। जिसके चलते पायलट खेमा अपने विधायकों के साथ मानेसर स्थित होटल में चले गए थे। वहीं, गहलोत समर्थक विधायकों की जयपुर में बाड़ेबंदी की गई थी। करीब 33 दिन बाद पायलट अपने समर्थकों के साथ जयपुर लौटे थे। उन्होंने कहा था कि राजद्रोह के मामले में मुझे एक नोटिस मिला था। उस आपत्ति को और पिछले कुछ सालों के घटनाक्रम को लेकर दिल्ली गया था।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।