Parliament Session: संसद में आज प्रदूषण पर अहम चर्चा, प्रियंका गांधी करेंगी शुरुआत, भूपेंद्र यादव देंगे जवाब

Parliament Session - संसद में आज प्रदूषण पर अहम चर्चा, प्रियंका गांधी करेंगी शुरुआत, भूपेंद्र यादव देंगे जवाब
| Updated on: 18-Dec-2025 08:39 AM IST
आज भारतीय संसद के निचले सदन, लोकसभा में देश में बढ़ते वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण चर्चा होने जा रही है और यह चर्चा नियम 193 के तहत की जाएगी, जो सदन को बिना किसी मतदान के महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। दिल्ली सहित देश के कई हिस्से गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं, जिसने विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने और इस विषय पर तत्काल संसदीय बहस की मांग करने के लिए प्रेरित किया है। सरकार ने विपक्ष की इस मांग को स्वीकार कर लिया है, जिससे आज की चर्चा का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

प्रदूषण पर लोकसभा में चर्चा का एजेंडा

लोकसभा में आज होने वाली प्रदूषण पर चर्चा का एजेंडा स्पष्ट है। यह एक संक्षिप्त अवधि की चर्चा होगी, जो लगभग चार घंटे तक चलेगी और इस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद वायु प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं, इसके कारणों और संभावित समाधानों पर अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत करेंगे। यह चर्चा देश के सामने मौजूद एक गंभीर पर्यावरणीय चुनौती पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करेगी, जिसमें सभी पक्षों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।

चर्चा की शुरुआत और प्रमुख वक्ता

इस महत्वपूर्ण चर्चा की शुरुआत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी, जो विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को मजबूती से उठाएंगी। उनके बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद बांसुरी स्वराज अपनी बात रखेंगी, जो सत्ता पक्ष का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगी। तीसरे नंबर पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी बोलेंगी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभिन्न क्षेत्रीय दल भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए उत्सुक हैं। बीजेपी की ओर से बांसुरी स्वराज के अलावा, निशिकांत दुबे और संजय जायसवाल भी इस चर्चा में वक्ता के रूप में शामिल होंगे, जो सरकार के रुख और प्रस्तावित उपायों पर प्रकाश डालेंगे।

पर्यावरण मंत्री का जवाब

लोकसभा के नियम 193 के तहत होने वाली यह चर्चा विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह सांसदों को किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर विस्तृत विचार-विमर्श करने का अवसर देती है, भले ही इसमें मतदान न हो। यह नियम सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर संसदीय ध्यान आकर्षित करने और सरकार को उन पर जवाब देने के लिए बाध्य करने का एक प्रभावी तरीका है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लगातार वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक व्यवस्थित योजना विकसित करने के लिए संसदीय चर्चा की मांग की थी, और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार की ओर से चर्चा के लिए अपनी सहमति व्यक्त की थी।

यह सरकार की इस मुद्दे की गंभीरता को स्वीकार करने और इस पर खुली बहस के लिए तैयार रहने की इच्छा को दर्शाता है। चर्चा के अंत में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव शाम 5 बजे सदन के सामने सरकार का पक्ष रखेंगे और वे चर्चा के दौरान उठाए गए विभिन्न प्रश्नों, आपत्तियों और सुझावों का जवाब देंगे। मंत्री का जवाब सरकार की नीतियों, योजनाओं और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। यह उम्मीद की जाती है कि वे भविष्य की रणनीतियों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय पर भी प्रकाश डालेंगे, ताकि इस जटिल समस्या का स्थायी समाधान खोजा जा सके।

VB-जी राम जी बिल पर भी चर्चा

प्रदूषण पर चर्चा के अलावा, लोकसभा में एक और महत्वपूर्ण विधायी कार्य भी चल रहा है। 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी (VB-जी राम जी) बिल, 2025 पर बुधवार को लंबी चर्चा हुई। इस विधेयक में 98 सदस्यों ने भाग लिया, और लोकसभा रात करीब 1:35 बजे तक चली। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेने के लिए लाया गया है, जिस पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।

मनरेगा की जगह नया विधेयक

VB-जी राम जी बिल, 2025 का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और। आजीविका की गारंटी प्रदान करना है, जो पहले मनरेगा द्वारा किया जाता था। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने बिल पर अपनी-अपनी राय रखी, जिसमें इसके प्रावधानों, संभावित प्रभावों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसके परिणामों को लेकर मतभेद सामने आए। विपक्ष ने मनरेगा के प्रतिस्थापन पर चिंता व्यक्त की होगी, जबकि सरकार ने नए विधेयक को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के लिए अपने तर्क प्रस्तुत किए होंगे।

शिवराज सिंह चौहान देंगे जवाब

ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज इस बहस का जवाब देंगे। उनका जवाब विधेयक के उद्देश्यों, इसके कार्यान्वयन की रणनीति और ग्रामीण भारत के लिए इसके दीर्घकालिक लाभों पर सरकार की स्थिति को स्पष्ट करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री विपक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं का कैसे समाधान करते हैं और सरकार इस नए रोजगार गारंटी कार्यक्रम को कैसे आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी, और आज मंत्री का जवाब इस महत्वपूर्ण विधायी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

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