Madhumita Murder Case: SC ने नहीं लगाई अमरमणि की रिहाई पर रोक, UP सरकार को नोटिस जारी

Madhumita Murder Case - SC ने नहीं लगाई अमरमणि की रिहाई पर रोक, UP सरकार को नोटिस जारी
| Updated on: 25-Aug-2023 01:01 PM IST
Madhumita Murder Case: पूर्वांचल के बाहुबली नेता रहे और यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उनकी रिहाई के खिलाफ जो याचिका दायर की गई थी, उसपर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक नहीं लगाई है. यूपी सरकार को अगले 8 हफ्ते के भीतर इस नोटिस पर जवाब देना होगा.

यूपी की मशहूर कवियत्री मधुमिता शुक्ला की 2003 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उस वक्त वह 24 साल की ही थीं. अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी इस हत्या के मामले में 20 साल से अधिक से जेल में हैं, उनके अच्छे आचरण की वजह से उन्हें रिहा किया जा रहा है. इसी के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी और रिहाई पर रोक लगाने को कहा था.

निधि शुक्ला ने अपनी याचिका में यह दावा किया था कि अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी ने अपनी सजा का 60 फीसदी से अधिक समय अस्पताल में काटा है और आराम किया है. ऐसे में उन्हें अच्छे आचरण के आधार पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए. निधि शुक्ला ने राष्ट्रपति, राज्यपाल को भी लिखी अपनी चिट्ठी में भी इसी आधार पर रिहाई को रद्द करने के लिए कहा था.

अमरमणि त्रिपाठी की गिनती पूर्वांचल के बड़े बाहुबलियों में होती है, वह नौतनवा विधानसभा सीट से कई बार विधायक चुने जा चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेता हरिशंकर तिवारी की छत्रछाया में राजनीति सीखी और उसके बाद कई सरकारों के साथ सत्ता में रहे. बसपा, सपा, बीजेपी की सरकारों में अमरमणि त्रिपाठी मंत्री रह चुके हैं.

सुनवाई के बाद निधि शुक्ला ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने बयान दिया कि मैं सभी से अपील करती हूं कि त्रिपाठी दंपति की रिहाई रोकी जाए. कई आरटीआई आवेदन में यह कहा गया है कि अमरमणि वास्तव में कभी जेल नहीं गए. निधि ने कहा कि अगर बाहर आने पर मेरी हत्या कर दी तो इस केस में पैरवी करने वाला कोई नहीं बचेगा.

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