बैकलॉग एवं प्रक्रियाधीन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 नवंबर से गुर्जर समाज ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके चलते अब आरक्षण आंदोलन को लेकर प्रशासन भी अलर्ट नजर आ रहा। भरतपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, भरतपुर जिले के बयाना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस बल की कंपनियां बयाना पहुंच रही हैं। वहीं, इस बीच गुर्जर नेताओं के दल और सरकार के बीच जयपुर में बातचीत भी होनी है।
भरतपुर के बयाना में जीआरपी के 50 और आरपीएफ के 150 जवान पहुंच चुके हैं। बयाना, रूपवास, बैर, भुसावर और जेन तहसीलों में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाले लोगों पर रासुका लगाने के आदेश दिए गए हैं। भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी, झालावाड़ कलेक्टर्स को गृह विभाग द्वारा आदेश दिए गए हैं।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन 2020: कब-कब, क्या हुआ
क्या है रासुका कानून
ये कानून राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा डालने वालों पर नकेल डालने के लिए हैं। अर्थात, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। सरकार को लगता कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा खड़ी कर रहा है तो वह उसे एनएसए के तहत गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है। अगर उसे लगे कि वह व्यक्ति आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बन रहा है तो वह उसे भी इस कानून में गिरफ्तार करवा सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून NSA 23 सितंबर, 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के कार्यकाल में अस्तित्व में आया था।