सिरोही में पूर्व CMHO पर गंभीर आरोप: एक ही डॉक्टर की रिपोर्ट पर जारी किए 5177 फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट

सिरोही में पूर्व CMHO पर गंभीर आरोप - एक ही डॉक्टर की रिपोर्ट पर जारी किए 5177 फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट
| Updated on: 26-Oct-2025 06:14 AM IST
राजस्थान के सिरोही जिले में स्वास्थ्य विभाग में एक बड़े घोटाले। का खुलासा हुआ है, जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. राजेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने मार्च 2019 से जनवरी 2025 तक, यानी लगभग छह वर्षों की अवधि में, एक ही डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर 5177 फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी किए। यह आंकड़ा विभाग द्वारा जारी कुल 7613 प्रमाणपत्रों का एक। बड़ा हिस्सा है, जो अनियमितताओं की व्यापकता को दर्शाता है।

फर्जीवाड़े का तरीका

यह घोटाला जिस तरीके से अंजाम दिया गया, वह और भी चौंकाने वाला है और जांच में सामने आया है कि डॉ. राजेश कुमार ने दिव्यांग प्रमाणपत्रों को जारी करने के लिए केवल एक डॉक्टर, डॉ. गिन्नी अग्रवाल की रिपोर्ट पर भरोसा किया। विशेषज्ञता के अभाव के बावजूद, डॉ और अग्रवाल ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं के लिए रिपोर्ट दीं, जबकि सिरोही में हर बीमारी के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं। इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि डॉ. राजेश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान, तत्कालीन CMHO डॉ. सुशील कुमार के डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करके राज्य और केंद्र दोनों के पोर्टल पर इन प्रमाणपत्रों को डिजिटली साइन किया। यह न केवल प्रक्रियागत उल्लंघन है बल्कि पद के दुरुपयोग का स्पष्ट मामला भी है।

जांच के घेरे में स्वास्थ्य विभाग

इस मामले में जिला कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर तत्काल रिपोर्ट मांगी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि कई प्रमाणपत्रों में आधार लिंक नहीं थे। या उनमें विसंगतियां थीं, जो इन प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े करती हैं। इस तरह के फर्जी प्रमाणपत्रों के जारी होने से न केवल सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग होता है, बल्कि वास्तविक दिव्यांग व्यक्तियों को उनके हक से वंचित भी किया जाता है। यह मामला राज्य के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

पूर्व CMHO डॉ. राजेश कुमार, जिन्होंने मार्च 2019 से जनवरी 2025 तक सिरोही में। CMHO के पद पर कार्य किया, अब जांच के केंद्र में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने नियम-कानूनों को ताक पर रखकर हजारों की संख्या में फर्जी प्रमाणपत्रों को मंजूरी दी और एक ही डॉक्टर द्वारा इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न बीमारियों की रिपोर्ट देना, और बिना किसी विशेषज्ञ की राय के उन पर मुहर लगाना, सीधे तौर पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का संकेत देता है। इस मामले में न केवल डॉ. राजेश कुमार की भूमिका की जांच की जा रही है, बल्कि डॉ और गिन्नी अग्रवाल की विशेषज्ञता और उनके द्वारा दी गई रिपोर्टों की वैधता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

व्यापक भ्रष्टाचार की आशंका

यह घोटाला सिर्फ दिव्यांग प्रमाणपत्रों तक ही सीमित नहीं हो सकता। अखबार की रिपोर्ट में '50 करोड़ के बजट' और 'डियारा से CMHO बनने वालों के भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट' का भी जिक्र है, जो स्वास्थ्य विभाग में एक बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं की ओर इशारा करता है और ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इस पूरे मामले की गहन और निष्पक्ष जांच हो, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकारी योजनाओं के लाभ को। हड़पने के लिए किस तरह से संगठित तरीके से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

भविष्य की चुनौतियां और समाधान

इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग में डिजिटलीकरण और प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया में मौजूद खामियों को उजागर किया है। अब यह आवश्यक है कि सरकार इन प्रणालियों में सुधार करे, सख्त निगरानी तंत्र स्थापित करे और ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करे। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे घोटालों से जनता का सरकारी संस्थाओं पर से विश्वास उठता है, और वास्तविक लाभार्थियों को न्याय मिलने में देरी होती है और जिला प्रशासन और राज्य सरकार को मिलकर इस मामले को एक मिसाल के तौर पर देखना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की हिम्मत न कर सके।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।