Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान के जलालाबाद में हाल ही में आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अफगानिस्तान मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई। नंगरहार प्रांत इस भूकंप का केंद्र रहा, जहां सबसे अधिक नुकसान की खबरें सामने आई हैं। इस प्राकृतिक आपदा में 600 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। सैकड़ों घर जमींदोज हो गए, मुख्य सड़कें टूट गईं, और बुनियादी ढांचा पूरी तरह चरमरा गया। संचार व्यवस्था ठप होने से राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है। तालिबान प्रशासित अफगान सरकार ने राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हवाई मार्ग का सहारा लिया है।
नंगरहार प्रांत, जो पहाड़ी और दुर्गम इलाका है, लंबे समय से आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का मजबूत गढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की मॉनिटरिंग टीम के अनुसार, टीटीपी के पास 6,000 से 6,500 प्रशिक्षित लड़ाके हैं, जो इसे दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक बनाता है। नंगरहार में टीटीपी के कई प्रशिक्षण शिविर हैं, जहां से प्रशिक्षित आतंकी पाकिस्तान में हमलों को अंजाम देते हैं। यह वही इलाका है, जहां कभी ओसामा बिन लादेन के आतंकी सक्रिय थे। इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण पाकिस्तानी सेना के लिए यहां आतंकियों को ट्रैक करना और उन पर कार्रवाई करना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है।
यह भूकंप जहां अफगानिस्तान के लिए विनाशकारी साबित हुआ, वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए यह एक अप्रत्याशित राहत की तरह आया। बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार, नंगरहार में भूकंप ने टीटीपी के गढ़ को भारी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि तालिबान सरकार ने टीटीपी के शिविरों की स्थिति पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन क्षेत्र में हुई व्यापक तबाही को देखते हुए माना जा रहा है कि टीटीपी के प्रशिक्षण शिविरों और बुनियादी ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुंची है। सड़कों, संचार व्यवस्था और अन्य सुविधाओं के ध्वस्त होने से टीटीपी की गतिविधियां प्रभावित होने की संभावना है।
पाकिस्तान ने पहले कई बार नंगरहार में टीटीपी के ठिकानों पर हवाई हमले करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस भूकंप ने अनजाने में वह काम कर दिया, जो पाकिस्तानी सेना की सैन्य कार्रवाइयां नहीं कर पाईं। टीटीपी के लिए नंगरहार का नुकसान एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि यह इलाका उनकी रणनीति और प्रशिक्षण का केंद्र रहा है।
अफगानिस्तान के लिए यह भूकंप एक मानवीय संकट बनकर उभरा है। तालिबान सरकार के सामने राहत और पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती है। नंगरहार में बुनियादी ढांचे को फिर से खड़ा करने और प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता की भी जरूरत पड़ सकती है। दूसरी ओर, इस प्राकृतिक आपदा ने क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से एक अप्रत्याशित बदलाव ला दिया है, जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।