Himachal Pradesh: सुखविंदर को 'सत्ता का सुख' मिलना तय, जानें हिमाचल के होने वाले नए CM की कुंडली

Himachal Pradesh - सुखविंदर को 'सत्ता का सुख' मिलना तय, जानें हिमाचल के होने वाले नए CM की कुंडली
| Updated on: 10-Dec-2022 05:51 PM IST
Himachal Pradesh New CM: हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस जल्द खत्म हो सकता है. प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से 40 पर कब्जा करने वाली कांग्रेस वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री पद दे सकती है. विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश के साथ मिली जीत के बावजूद कांग्रेस को छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन से उत्पन्न हुए शून्य की भरपाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. पार्टी चुनाव के नतीजे आने के बाद से सीएम को लेकर मंथन की.  

राज्य कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह, विधानसभा में अभी तक विपक्ष के नेता रहे मुकेश अग्निहोत्री और चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कई नेता शीर्ष पद की दौड़ में शामिल थे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी मिल रही है उससे साफ है कि सुखविंदर सुक्खू को सीएम की जिम्मेदारी मिल सकती है. 

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश के सीएम के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम को मंजूरी दे दी है. उनके नाम की घोषणा आज शाम तक अन्य नेताओं से चर्चा के बाद की जाएगी. इससे पहले सुखविंदर सुक्खू ने कहा, मैं मुख्यमंत्री पद का आकांक्षी नहीं हूं. मैं केवल एक कांग्रेस कार्यकर्ता हूं. शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा वह मुझे मंजूर होगा. 

कौन हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू

सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. वह तीन बार विधायक रह चुके हैं. कई अन्य नेताओं की तरह सुक्खू ने छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू किया.  वह कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख के पद तक पहुंचे. वह नादौन में अपनी जीत के बाद पार्टी के ऊपरी नेतृत्व में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं. 

मूल रूप से हमीरपुर जिले के नादौन के रहने वाले सुक्खू के पास लॉ की डिग्री है. वह कॉलेज के दिनों में कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से जुड़े थे. 1989 में वह राज्य इकाई के अध्यक्ष चुने गए. 1998-2008 के बीच, सुखविंदर सुक्खू ने  हिमाचल कांग्रेस (यूथ) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया.

1992 और 2002 के बीच की अवधि में शिमला नगर निगम के दो बार पार्षद चुने जाने के बाद सुक्खू ने सार्वजनिक सेवा में प्रवेश किया. यूथ कांग्रेस में अपने कार्यकाल के बाद वह 2008 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बने. सुक्खू को बाद में अपने पार्टी प्रबंधन कौशल और लोकप्रियता के कारण पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया.

कांग्रेस पार्टी में सुखविंदर सुक्खू की भूमिका स्पष्ट थी, क्योंकि वह इस साल के अंत में होने वाले चुनावों के लिए चुनाव अभियान समिति के प्रमुख थे. उन्होंने ये जिम्मेदारी शानदार तरीके से निभाई और पार्टी का सत्ता दिलाई. इस कार्य का इनाम कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपकर देगी. 

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