India-US Tariff War: ट्रंप की नहीं चलेगी 'दादागिरी', सरकार उठाने वाली है ये बड़े कदम

India-US Tariff War - ट्रंप की नहीं चलेगी 'दादागिरी', सरकार उठाने वाली है ये बड़े कदम
| Updated on: 31-Jul-2025 08:40 AM IST

India-US Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले ही 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है। यह कदम भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्तों के जवाब में उठाया गया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने की मात्रा बढ़ाई है, जो अमेरिका को स्वीकार्य नहीं है। इस टैरिफ के साथ-साथ भारत को जुर्माना भी देना होगा, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है।

भारत सरकार का रुख: राष्ट्रीय हित सर्वोपरि

भारत और अमेरिका के बीच कई महीनों से निष्पक्ष और संतुलित व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने किसानों, छोटे कारोबारियों और एमएसएमई (MSME) क्षेत्र के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे, जैसा कि पहले यूके के साथ हुए व्यापक आर्थिक समझौते में देखा गया है। यह समझौता भारत के व्यापारिक हितों को मजबूत करने का एक उदाहरण है।

रूस से सस्ता तेल: अमेरिका की नाराजगी का कारण

रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान यूरोप के अधिकांश देशों ने रूस से तेल और गैस की खरीद बंद कर दी, लेकिन भारत ने सस्ते कच्चे तेल का आयात जारी रखा। इससे भारत को आर्थिक लाभ हुआ, लेकिन यह कदम अमेरिका और यूरोप को नागवार गुजरा। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की इस रणनीति ने अमेरिका को कड़ा कदम उठाने के लिए उकसाया, जिसके परिणामस्वरूप यह टैरिफ और जुर्माना लागू किया गया।

शेयर बाजार पर संभावित असर

ट्रंप के इस फैसले का भारतीय शेयर बाजार पर गहरा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि टैरिफ के कारण बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। हाल के दो कारोबारी सत्रों में शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखी गई थी, लेकिन इस नए टैरिफ के बाद बाजार में अस्थिरता और गिरावट की आशंका बढ़ गई है।

भविष्य की राह

यह स्थिति भारत के लिए कई चुनौतियां लेकर आई है। सरकार को अब व्यापारिक रणनीति और कूटनीतिक कदमों के बीच संतुलन बनाना होगा। रूस के साथ आर्थिक संबंधों को बनाए रखते हुए अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, भारतीय अर्थव्यवस्था को इस टैरिफ के प्रभाव से बचाने के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार करना होगा।

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