Vladimir Putin: अमेरिकी दूत ने पुतिन को दिया था ट्रंप को यूक्रेन शांति योजना पर मनाने का 'मंत्र'
Vladimir Putin - अमेरिकी दूत ने पुतिन को दिया था ट्रंप को यूक्रेन शांति योजना पर मनाने का 'मंत्र'
रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के बीच एक चौंकाने वाले खुलासे ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हलचल मचा दी है। ब्लूमबर्ग मीडिया के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष शांति दूत स्टीव विटकॉफ ने पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव को फोन पर यह सुझाव दिया था कि पुतिन को ट्रंप को यूक्रेन शांति योजना के लिए कैसे राजी करना चाहिए। 14 अक्टूबर को हुई इस पांच मिनट से थोड़ी अधिक लंबी फोन कॉल की ट्रांसक्रिप्ट लीक होने के बाद यह जानकारी सामने आई है, जिसने वाशिंगटन और मॉस्को दोनों में खलबली मचा दी है।
लीक हुई ट्रांसक्रिप्ट का विवरण
लीक हुई ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार, अमेरिकी शांति दूत स्टीव विटकॉफ, जो गाजा युद्धविराम समझौते के ब्रोकर भी थे, ने रूसी सलाहकार यूरी उशाकोव को सलाह दी कि पुतिन को ट्रंप को फोन करना चाहिए। यह फोन कॉल गाजा युद्धविराम समझौते के एक दिन बाद हुई थी, जब ट्रंप इजरायल और मिस्र की यात्रा से लौटे थे। विटकॉफ ने सुझाव दिया कि पुतिन को ट्रंप को गाजा शांति समझौते पर बधाई देनी चाहिए और यह कहना चाहिए कि रूस ने इसका पूरी तरह समर्थन किया है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि पुतिन को ट्रंप को एक शांतिप्रिय व्यक्ति के रूप में सम्मान देने की बात कहनी चाहिए, जिससे बातचीत का माहौल सकारात्मक बन सके।ट्रंप को राजी करने का 'मंत्र'
विटकॉफ ने उशाकोव को आगे बताया कि पुतिन को ट्रंप से कहना चाहिए कि 'स्टीव और यूरी ने एक 20-सूत्री शांति योजना पर चर्चा की है, जो गाजा मॉडल जैसी है, और हम इससे थोड़ा आगे बढ़ सकते हैं और ' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत को आशावादी रखना चाहिए और डोनेट्स्क पर कब्जे या भूमि विनिमय जैसे कठोर मुद्दों पर तुरंत ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए। विटकॉफ ने कहा, 'मुझे पता है कि शांति के लिए डोनेट्स्क और कहीं। भूमि स्वैप जरूरी है, लेकिन आशा भरी बात करें, क्योंकि हम डील कर लेंगे। ' उन्होंने उशाकोव को सलाह दी कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के व्हाइट हाउस आने से पहले। पुतिन को ट्रंप से फोन पर बात करनी चाहिए, क्योंकि 'ट्रंप मुझे डील के लिए काफी छूट देंगे।रूसी और अमेरिकी प्रतिक्रियाएं
रूसी सरकारी मीडिया से प्रतिक्रिया मांगने पर, यूरी उशाकोव ने रिकॉर्डिंग की प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन दावा किया कि यह मॉस्को से लीक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि ये कॉल अमेरिका-रूस संबंधों को 'बाधित' करने के लिए लीक की गई हैं। उशाकोव ने विटकॉफ से 'कई बार' बात होने की पुष्टि की, लेकिन ट्रांसक्रिप्ट की सामग्री पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर, व्हाइट हाउस ने भी ट्रांसक्रिप्ट की सत्यता पर कोई आपत्ति नहीं जताई। ट्रंप ने इसे 'मानक वार्ता प्रक्रिया' बताया। व्हाइट हाउस कम्युनिकेशन डायरेक्टर स्टीवन चेउंग ने कहा कि यह साबित करता है कि विटकॉफ रोज रूस और यूक्रेन के अधिकारियों से शांति के लिए बात करते हैं, जो ट्रंप का उद्देश्य है।राजनीतिक हलकों में हंगामा
ट्रांसक्रिप्ट के लीक होने के बाद राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। विशेषज्ञों ने इसे 'चौंकाने वाला' बताया, खासकर जब ट्रंप ने हाल ही में पुतिन के युद्ध जारी रखने पर नाराजगी जताई थी। इस घटना ने ट्रंप प्रशासन की कूटनीति पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। 16 अक्टूबर को ट्रंप और पुतिन के बीच फोन कॉल हुई, जिसे ट्रंप ने 'प्रोग्रेसिव' कहा, लेकिन बुडापेस्ट में प्रस्तावित बैठक रद्द हो गई।आगे की कूटनीतिक चालें
ट्रंप ने मंगलवार को घोषणा की कि वे सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल को यूक्रेन भेज रहे हैं, जबकि विटकॉफ मॉस्को में पुतिन से मिलेंगे। उन्होंने पुतिन और ज़ेलेंस्की के बीच संभावित बैठक का भी संकेत दिया, लेकिन कहा कि पहले वार्ता में प्रगति जरूरी है। अमेरिका की 28-सूत्री योजना अब यूक्रेन के हितों को ज्यादा। महत्व देने वाली हो गई है, जिसमें कुछ मुद्दे बाकी हैं। यह घटना यूक्रेन संकट पर ट्रंप प्रशासन की कूटनीति को नई रोशनी डालती है। क्या विटकॉफ की सलाह से शांति की राह खुलेगी, या फिर यह सिर्फ रणनीतिक चाल है और दुनिया इस पर नजर रख रही है कि इन कूटनीतिक प्रयासों का अंतिम परिणाम क्या होगा।