VB-G RAM G Bill: VB-G RAM G बिल पर राहुल और प्रियंका गांधी का हमला: 'गांव विरोधी' और 'प्रदूषण पर चर्चा क्यों नहीं'?

VB-G RAM G Bill - VB-G RAM G बिल पर राहुल और प्रियंका गांधी का हमला: 'गांव विरोधी' और 'प्रदूषण पर चर्चा क्यों नहीं'?
| Updated on: 19-Dec-2025 12:28 PM IST
कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार के VB-G RAM G बिल को लेकर तीखी आलोचना की है। उन्होंने इस बिल को ग्रामीण भारत के लिए हानिकारक बताया है और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने इस बिल को 'गांव विरोधी' करार दिया है, जबकि प्रियंका गांधी ने इसे जल्दबाजी में पारित करने की प्रक्रिया और संसद में प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा न होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि VB-G RAM G बिल मनरेगा (MGNREGA) का 'रीवैम्प' नहीं है, बल्कि यह रोजगार के अधिकार की गारंटी को खत्म करने वाला बिल है और उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एक ही दिन में मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना को समाप्त कर दिया है। मनरेगा, जिसे दुनिया के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और सशक्तिकरण कार्यक्रमों में से एक माना जाता है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है और करोड़ों गरीब लोगों को रोजगार प्रदान करती है और राहुल गांधी के अनुसार, यह नया बिल इस सफल योजना को कमजोर कर देगा, जिससे ग्रामीण भारत, विशेषकर दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और आदिवासियों की ताकत कम होगी।

श्रम कानूनों पर प्रभाव और सत्ता का केंद्रीकरण

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर श्रम कानूनों को कमजोर करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि VB-G RAM G बिल के माध्यम से केंद्र सरकार ग्रामीण भारत में श्रमिकों के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही है। राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य मजदूरों को कमजोर करना और सत्ता को केंद्रीकृत करना है। उनके अनुसार, यह बिल ग्रामीण भारत की स्वायत्तता और स्थानीय सशक्तिकरण को कम करके सारी शक्ति केंद्र सरकार के हाथों में केंद्रित कर देगा, जिससे जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी और नियंत्रण कम हो जाएगा।

बिल पारित करने की प्रक्रिया पर सवाल

प्रियंका गांधी वाड्रा ने VB-G RAM G बिल 2025 को संसद में पारित करने की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि संसद का सत्र इतने दिनों से चल रहा था, लेकिन सरकार ने महत्वपूर्ण बिलों को सत्र के आखिरी दिनों में पेश किया और उन्हें पारित करने के लिए बहुत कम समय दिया और प्रियंका गांधी ने इस 'हड़बड़ी' को 'संदिग्ध' बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे महत्वपूर्ण बिल, जो करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं, उन्हें पर्याप्त जांच-पड़ताल और बहस के बिना जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए। विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया गया, जिसमें बिल को स्थायी समिति को भेजने की बात कही गई थी, जिससे इस कानून को बिना किसी गहन समीक्षा के ही पारित कर दिया गया।

प्रदूषण पर चर्चा की मांग

प्रियंका गांधी ने संसद में प्रदूषण जैसे गंभीर और तात्कालिक मुद्दे पर चर्चा न होने पर भी अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब देश प्रदूषण जैसी बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, तो संसद में इस पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती? प्रियंका गांधी ने तर्क दिया कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और सभी पक्षों की बात सुनी जानी चाहिए, ताकि एक व्यापक और प्रभावी समाधान निकाला जा सके और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद को जनहित के मुद्दों पर सक्रिय रूप से बहस करनी चाहिए, न कि केवल बिलों को जल्दबाजी में पारित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

मनरेगा की मूल संरचना और नए बिल का प्रभाव

प्रियंका गांधी ने VB-G RAM G बिल की कमियों को विस्तार से बताया। उन्होंने समझाया कि मूल मनरेगा योजना को इस तरह से डिजाइन। किया गया था कि केंद्र सरकार 90% कोष प्रदान करती थी। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी और उन बहुत गरीब लोगों के लिए सबसे बड़ा सहारा थी जिन्हें रोजगार मिलने में कठिनाई होती थी। पिछले 20 सालों से, यह उन सफल योजनाओं में से एक रही है जिसने गरीब लोगों, खासकर जिनके पास कुछ नहीं है, उनकी मदद की है। हालांकि, प्रियंका गांधी ने चेतावनी दी कि इस नए बिल में केंद्र से मिलने। वाले कोष में इतनी कटौती की जाएगी कि राज्य सरकारें इसे वहन नहीं कर पाएंगी। इसका सीधा मतलब होगा कि यह योजना धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों की आजीविका पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

विपक्ष की मांग और सरकार का रुख

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में इस बात पर भी जोर दिया कि इस कानून को बिना किसी जांच-पड़ताल के संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया। विपक्ष ने इस बिल को स्थायी समिति को भेजने की मांग की थी, लेकिन इस मांग को खारिज कर दिया गया। राहुल गांधी ने कहा कि यह एक ऐसा कानून है जो ग्रामीण इलाके में रहने वाले करोड़ों मजदूरों को प्रभावित करता है, और इसे सार्वजनिक बहस के बिना जबरदस्ती पास नहीं किया जाना चाहिए था और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया और जनहित के सिद्धांतों के खिलाफ है।

संसद सत्र का समापन

यह सभी बयान ऐसे समय में आए हैं जब शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया, जिसके साथ ही संसद का शीतकालीन सत्र 2025 समाप्त हो गया। सत्र के अंतिम दिनों में महत्वपूर्ण बिलों को पारित करने की प्रक्रिया पर विपक्ष ने लगातार सवाल उठाए हैं, और VB-G RAM G बिल इसी कड़ी का एक हिस्सा है, जिस पर कांग्रेस ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।

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