Bihar Politics: मांझी-लालू में छिड़ी जाति पर जंग! वंशावली बताने की चुनौती तक आई बात

Bihar Politics - मांझी-लालू में छिड़ी जाति पर जंग! वंशावली बताने की चुनौती तक आई बात
| Updated on: 26-Sep-2024 05:00 PM IST
Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर जातिगत समीकरणों के इर्द-गिर्द घूम रही है। इस बार यह विवाद दो प्रमुख सियासी दिग्गजों के बीच छिड़ा है—राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी। विवाद की शुरुआत जीतन राम मांझी के एक बयान से हुई, जिसमें उन्होंने लालू यादव की जाति को लेकर सवाल उठाया। इसके बाद से यह जुबानी जंग वंशावली की चुनौती तक जा पहुंची है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

मंगलवार को एक इंटरव्यू में जीतन राम मांझी से लालू प्रसाद यादव के बारे में सवाल किया गया, जिस पर उन्होंने कहा कि लालू यादव असल में "यादव" नहीं हैं, बल्कि "गडरिया" हैं। मांझी ने दावा किया कि लालू यादव और उनके परिवार ने जातिगत पहचान को लेकर भ्रम फैलाया है। उन्होंने कहा, "लालू जी यादव नहीं, गडरिया हैं। वो लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं, जबकि हम पढ़कर आए हैं और बीए ऑनर्स किया है। उनकी डिग्री क्या है, वह बताएं।"

मांझी के इस बयान के बाद लालू यादव ने पलटवार करते हुए कहा, "मांझी खुद क्या हैं? वो मुसहर हैं क्या?" लालू का यह बयान विवाद को और गहरा कर गया।

मांझी का पलटवार और वंशावली की चुनौती

जीतन राम मांझी ने लालू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया पर कहा, "लालू जी, हम गर्व से कहते हैं कि हम मुसहर-भुइयां हैं। हमारा पूरा खानदान मुसहर-भुइयां रहा है, और इसमें हमें कोई शर्म नहीं है।"

इसके साथ ही, हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने गुरुवार को लालू यादव को खुली चुनौती दी कि वे अपनी वंशावली सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा, "लालू प्रसाद यादव हमेशा से दलित विरोधी मानसिकता के रहे हैं। जब से राजनीति में आए, उन्होंने दलितों को पैरों की जूती समझा। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीतन राम मांझी को केंद्रीय मंत्री बनाया है, तो उनकी बौखलाहट बढ़ गई है। हम चुनौती देते हैं कि लालू यादव अपनी तीन पीढ़ियों की वंशावली को जारी करें, ताकि पता चल सके कि वे असल में यादव हैं या गडरिया।"

श्याम सुंदर शरण ने लालू यादव की संपत्तियों और घोटालों की भी जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू ने न केवल राजनीति और जाति में, बल्कि संपत्ति में भी "घोटाला" किया है।

लालू यादव के प्रति मांझी की नाराजगी

यह जुबानी जंग केवल जाति तक सीमित नहीं है। जीतन राम मांझी ने यह भी सवाल उठाया कि लालू यादव ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान दलितों के हितों की अनदेखी की है। मांझी के अनुसार, लालू यादव ने अपनी सत्ता के दौरान दलितों को हमेशा हाशिये पर रखा और उन्हें "पैरों की जूती" समझा।

क्या कहती है बिहार की जातिगत राजनीति?

बिहार की राजनीति हमेशा से जाति आधारित रही है, और लालू प्रसाद यादव ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में यादव और अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) का समर्थन प्राप्त किया है। वहीं, जीतन राम मांझी दलित समुदाय के प्रमुख नेता हैं, और उनका राजनीतिक आधार मुख्य रूप से मुसहर जाति है, जो बिहार में सबसे निचली जाति मानी जाती है।

जातिगत समीकरण बिहार की राजनीति में किसी भी दल की सफलता का मुख्य कारक होते हैं। मांझी और लालू के बीच यह जुबानी जंग सिर्फ एक व्यक्ति या जाति की प्रतिष्ठा से अधिक है। यह राज्य के राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।

निष्कर्ष

लालू यादव और जीतन राम मांझी के बीच जातिगत विवाद ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। वंशावली जारी करने की चुनौती ने इस विवाद को और गर्मा दिया है। जातिगत राजनीति बिहार में हमेशा से महत्वपूर्ण रही है, और इस विवाद के चलते राज्य की राजनीतिक हवा में भी बदलाव आने की संभावना है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या असर पड़ता है और क्या दोनों नेता अपनी बयानबाजी से एक नए राजनीतिक समीकरण की नींव रखेंगे।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।