लंदन में बड़ा उलटफेर: फैबियो वार्डली ने जोसेफ पार्कर को 11वें राउंड में रोका
लंदन में बड़ा उलटफेर - फैबियो वार्डली ने जोसेफ पार्कर को 11वें राउंड में रोका
लंदन के प्रतिष्ठित O2 एरिना में शनिवार रात मुक्केबाजी के इतिहास में एक और बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब ब्रिटिश हैवीवेट फैबियो वार्डली ने पूर्व विश्व चैंपियन जोसेफ पार्कर को ग्यारहवें राउंड में तकनीकी नॉकआउट (TKO) से हरा दिया। यह जीत वार्डली के करियर की सबसे बड़ी जीत है और इसने उन्हें। हैवीवेट डिवीजन में एक प्रमुख दावेदार के रूप में स्थापित कर दिया है। मुकाबले से पहले, पार्कर को भारी पसंदीदा माना जा रहा था, लेकिन। वार्डली ने अपनी शक्ति और दृढ़ता से सभी को गलत साबित कर दिया। इस मुकाबले का परिणाम निर्विवाद हैवीवेट चैंपियन ओलेक्जेंडर उसिक के अगले संभावित चैलेंजर का। भी निर्धारण करने वाला था, और अब यह स्थान वार्डली को मिल गया है।
अंडरडॉग का शानदार प्रदर्शन
फैबियो वार्डली, जिन्हें इस मुकाबले में अंडरडॉग माना जा रहा। था, ने शुरुआत से ही अपनी आक्रामक रणनीति का प्रदर्शन किया। उनके तेज और शक्तिशाली पंचों ने पार्कर को लगातार दबाव में रखा। पार्कर, जो अपने अनुभव और मजबूत जबड़े के लिए जाने जाते हैं, ने भी कई बार वापसी करने की कोशिश की और वार्डली पर कुछ बड़े शॉट्स लगाए, जिससे मुकाबला और भी रोमांचक हो गया। दोनों मुक्केबाजों के बीच लगातार जोरदार प्रहारों का आदान-प्रदान होता रहा, जिसने दर्शकों को अपनी सीटों से बांधे रखा और यह मुकाबला रणनीति, शक्ति और धैर्य का एक बेहतरीन मिश्रण था, जिसमें वार्डली ने हर राउंड के साथ अपनी पकड़ मजबूत की।मुकाबले की तीव्रता और निर्णायक क्षण
पूरे मुकाबले के दौरान, वार्डली और पार्कर ने एक-दूसरे पर जबरदस्त प्रहार किए। पार्कर ने अपनी रक्षात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जबकि वार्डली ने लगातार हमलावर रुख अपनाए रखा। नौवें और दसवें राउंड तक आते-आते, पार्कर थके हुए और कुछ हद तक हताश दिखने लगे थे और वार्डली ने इस कमजोरी को भांप लिया और अपनी गति तेज कर दी। ग्यारहवें राउंड की शुरुआत में, वार्डली ने पार्कर पर लगातार कई शक्तिशाली पंच बरसाए, जिससे पार्कर रस्सियों पर आ गए और बचाव की मुद्रा में आ गए। वार्डली के निरंतर हमले को देखते हुए, रेफरी को हस्तक्षेप करना पड़ा। और मुकाबले को रोकना पड़ा, जिससे फैबियो वार्डली को एक ऐतिहासिक जीत मिली।
यह जीत फैबियो वार्डली को हैवीवेट डिवीजन के शीर्ष पर पहुंचाती है और उन्हें ओलेक्जेंडर उसिक जैसे बड़े नाम के खिलाफ एक संभावित टाइटल शॉट के लिए लाइन में खड़ा करती है। उनकी अंडरडॉग जीत ने मुक्केबाजी प्रशंसकों के बीच उत्साह बढ़ा दिया। है और अब सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर टिकी हैं। वहीं, जोसेफ पार्कर के लिए यह एक निराशाजनक हार है, लेकिन उनका अनुभव और दृढ़ता उन्हें भविष्य में वापसी करने में मदद कर सकती है। इस मुकाबले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हैवीवेट बॉक्सिंग में। कुछ भी संभव है और हर फाइटर के पास इतिहास रचने का मौका होता है। वार्डली की यह जीत निश्चित रूप से आने वाले समय में मुक्केबाजी जगत की बड़ी खबरों में से एक रहेगी।