पाकिस्तान: संसद शुरू हुई तो भारत के खिलाफ उगला जहर, अमेरिका को भी कोसा, बहुत कुछ बोले इमरान खान के विदेश मंत्री

पाकिस्तान - संसद शुरू हुई तो भारत के खिलाफ उगला जहर, अमेरिका को भी कोसा, बहुत कुछ बोले इमरान खान के विदेश मंत्री
| Updated on: 09-Apr-2022 05:48 PM IST
सियासी संकट झेल रहे पाकिस्तान में आज प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. इससे पहले संसद में दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने डिप्टी स्पीकर का बचाव किया और विपक्ष पर भी जमकर वार किए. उन्होंने भारत के खिलाफ भी जहर उगला और अमेरिका को भी कोसा. वहीं दूसरी ओर कल प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के नाम संबोधन में कल भारत की जमकर तारीफ की थी. हालांकि उनके विदेश मंत्री के तेवर भारत के खिलाफ नरम नजर नहीं आए. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के मामले पर कहा कि डिप्टी स्पीकर ने वोटिंग से इनकार नहीं किया था. कुरैशी ने आरोप लगाया कि सांसदों की खरीद फरोख्त हुई, वो जो कोशिश हुई वो कानूनी थी क्या? जो कानून की बात कर रहे थे. बोलियां लगाई जा रही हैं. ये भी एक चीज है. हमने वोटिंग से इनकार नहीं किया.


शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष ने बाजार लगाया हुआ है, खरीद फरोख्त की जा रही है. हमने वीडोयो और सबूतों के साथ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया, हालांकि सबूत होने के बावजूद फैसला नहीं हो पाया. शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हम आज हैं कल नहीं होंगे, लेकिन तारीख गवाह होगी. याद रखिए तारीख उनको बेनकाब करेगी.


पाकिस्तान आज दोराहे पर

उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान तारीख के दोराहे पर खड़ा है, सर झुका के या सर उठाकर चलेगा ये फैसला करना है. विपक्ष का यह दावा कि धमकी भरा पत्र फर्जी है, गलत है. मैं पुष्टि करता हूं कि पत्र एक प्रामाणिक दस्तावेज है. हम अमेरिका के साथ खराब संबंध नहीं चाहते. शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान के एनएसए को फोन कर मास्को न जाने को कहा था. कुरैशी ने कहा कि शायद यह मेरा यहां आखिरी दिन है. 


यूएस से मास्को दौरे को लेकर आया था फोन

उन्होंने कहा कि पुतिन से मिलने का फैसला अचानक नहीं हुआ था, वो दो महीनों से चल रहा था. हमने इस बात पर भी काफी चर्चा की थी कि वहां जाया जाए या नहीं. शाह महमूद कुरैशी ने ये भी कहा कि पाकिस्तान एक संप्रभुत्व राष्ट्र है. US से पाकिस्तान को मास्को दौरे को लेकर कॉल आया कि एक संप्रभुत्व राष्ट्र को द्विपक्षीय दौरे से रोका जाए. हम किसी आक्रामकता के पक्ष में नहीं हैं, हम संवाद की वकालत करते हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के विदेश मंत्री से हमने बात की और पाकिस्तान के करीब 3000 बच्चों को हम वहां से लेकर आए. जो हम कर सकते थे, हमने किया. 


खत पर विपक्ष के आरोप फर्जी

कुरैशी बोले कि भुट्टो का कहना है कि ये फर्जी है. मरयम नवाज का कहना है कि फॉरेन ऑफिस में ये खत ड्राफ्ट किया गया. ये सारी बातें गलत हैं. मैं रोजे से हूं. ये प्रामाणिक दस्तावेज है, इस पर संदेह पैदा न करें.  शाह महमूद कुरैशी ने विपक्ष पर पाकिस्तान को आइसोलेट करने की धमकी देने का आरोप लगाया. शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अमेरिका कहता है कि हम पाकिस्तान के लिए खड़े हैं और यूएन में उसकी बात रखेंगे. शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर राग छेड़ते हुए कहा कि मगर जब कश्मीर की बात आती है तो अमेरिका कहता है कि आप द्विपक्षीय बातचीत से मामला सुलझाइए, हम थर्ड पार्टी नहीं बन सकते हैं. 


भारत के खिलाफ भी उगला जहर

शाह महमूद कुरैशी ने मुल्क में सियासी संकट के बीच भारत के खिलाफ भी जहर उगला. कुरैशी ने 9 मार्च को गलती से पाकिस्तान में गिरी मिसाइल को लेकर भी जंग की धमकी दे डाली, उन्होंने कहा कि मिसाइल न्यूक्लियर कैपेबल थी. दोनों मुल्कों के पास परमाणु ताकत हैं. उन्होंने कहा कि जंग हो सकती है हमें घंटे नहीं मिनट लगेंगे. उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारी दिल्ली पर काबिज है. कुरैशी ने माना कि दुनिया में पाकिस्तान की कोई नहीं सुनता. यूएनजीए में पाकिस्तान को अलग नजर से देखा जाता है और भारत को अलग नजर से. यूएनजीए में नरेंद्र मोदी तो शामिल हो सकते हैं, लेकिन इमरान खान नहीं.


हिंदुस्तान के आगे पाक की कोई हैसियत नहीं

हमसे कहा जाता है कि हम भारत को चीन की नज़र से देखते हैं. हम अमेरिका के सबसे अच्छे सहयोगी रहे हैं और अमेरिका के सबसे स्वीकृत सहयोगी भी. पर जब हम अमेरिका से जम्मू-कश्मीर मामले में दखल देने को कहते हैं तो वो हमें इसे द्विपक्षीय रूप से हल करने के लिए कहता है. शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हिंदुस्तान के आगे पाकिस्तान की कोई हैसियत नहीं है. हम सभी के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं और किसी से दुश्मनी नहीं करना चाहते. 


7 को वाशिंगटन में हुई मीटिंग, 8 को अविश्वास प्रस्ताव

शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि वाशिंगटन में 7 मार्च को मीटिंग होती है और 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव आ जाता है. बहस होती है, इलेक्शन कमीशन को दावत दी जाती है कि बताओ कि इलेक्शन कराने के सूरत-ए-हालात क्या है. चुनाव आयोग कहता है कि हम 7 माह तक इलेक्शन नही करा सकते. सोचिए 3 माह के अंदर इलेक्शन नही करा सकते ये. अगर अविश्वास प्रस्ताव नही आया होता तो क्या 90 दिनों के अंदर चुनाव करवाते या नहीं. 


संसद में नोट, वोट और खोट का जिक्र

शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि आप संविधान की बात कर रहे हैं.  आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है आप इससे मुकर नही सकते. एक होता है वोट, दूसरा होता है नोट और एक होता है खोट. ये सब विपक्ष की जुबान पर है. आप फैसला कर लें. मैं एक पाकिस्तान के नागरिक के तौर पर बात कर रहा हूं. आप पाकिस्तान के सामने संवैधानिक चुनौती न खड़ी करें. देश के गद्दार जो लोग हैं आवाम उनका फैसला करेगी. 

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