धर्म : जहां होती है ये पूजा, वहां स्थाई रूप से रहने लगतीं हैं लक्ष्मीजी

धर्म - जहां होती है ये पूजा, वहां स्थाई रूप से रहने लगतीं हैं लक्ष्मीजी
| Updated on: 23-Dec-2020 12:25 PM IST

जयपुर. मार्गशीर्ष अथवा अगहन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए व्रत रखकर महालक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि नंदा नवमी पर व्रत रखकर लक्ष्मीजी की विधिविधान से पूजा करने से आर्थिक दुरावस्था दूर हो जाती है। महानंदा नवमी व्रत पर मां दुर्गा की पूजा का भी विधान है।

ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि महानंदा नवमी पर माता लक्ष्मी की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। इस दिन लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ जरूर करना चाहिए. नंदा नवमी पर लक्ष्मीजी के मंत्रों का जापकर हवन करने का भी विधान है। कनकधारा स्तोत्र, श्री ललितासहस्रनाम स्तोत्र का पाठ भी त्वरित फल देता है। इस दिन श्रीयंत्र की भी पूजा की जाती है।

आर्थिक स्थिति सुधारने और सुख-समृद्धि के लिए इस दिन लक्ष्मीजी की पूजा कर जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित पीएस त्रिपाठी के मुताबिक महानंदा नवमी पर स्नान कर सूर्यदेव को जल अर्पित कर माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत व पूजा का संकल्प लें। रात को घर के पूजास्थल में एक बड़ा दीपक जलाकर विधिपूर्वक पूजा करते हुए महालक्ष्मी के मंत्र ओं हृीं महालक्ष्म्यै नमः का जाप करें। संभव हो तो रात्रि जागरण करें या रातभर जाप करें।

पूजा या जाप के बाद किसी कन्या को दान आदि देकर उससे आशीर्वाद जरूर लें। दूसरे दिन ब्रम्ह मूहुर्त में घर की सफाई करें और सारा कूड़ा—कचरा एक सूपे में रखकर बाहर फेंक आएं। यह प्रक्रिया अलक्ष्मी का विसर्जन कहलाती है। अब स्नान करे घर के मुख द्वार पर खडे़ होकर लक्ष्मीजी से घर आने का आव्हान करें। अब व्रत का पारण करें। भोग में अर्पित किए गए मिष्ठान्न या फल प्रसाद के रूप में बांट दें।

व्रत रखकर पूजा—पाठ करने से माता लक्ष्मी धन—वैभव, सुख-समृद्धि देती हैं। इस दिन लक्ष्मीजी की पूजा से भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं। हो सके तो इस दिन शुरू करते हुए रोज श्रीसूक्त का विश्वासपूर्वक पाठ करें। श्रीसूक्त का पाठ माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। इससे कुछ ही दिनों में आपकी आर्थिक दिक्कत दूर होने लगेगी। खास बात यह है कि नियमित रूप से नंदा नवमी पर व्रत और पूजा से लक्ष्मीजी का घर में स्थाई निवास हो जाता है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।