Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप को भारत का बजट क्यों पसंद आएगा? कुछ ऐसा हुआ ऐलान

Donald Trump - डोनाल्ड ट्रंप को भारत का बजट क्यों पसंद आएगा? कुछ ऐसा हुआ ऐलान
| Updated on: 02-Feb-2025 09:00 PM IST

Donald Trump: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के केंद्रीय बजट में कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जो अमेरिकी व्यापारियों को लाभ पहुंचा सकते हैं। इनमें कस्टम ड्यूटी में की गई कटौती प्रमुख है, जिसका सीधा प्रभाव अमेरिका से होने वाले निर्यात पर पड़ने की संभावना है। जानकारों का मानना है कि इस निर्णय से अमेरिका को व्यापारिक रूप से बड़ा फायदा होगा।

कस्टम ड्यूटी में कटौती का प्रभाव

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने मोटरसाइकिल और स्वाद बढ़ाने वाले आर्टिफिशियल एलीमेंट्स जैसे उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की है। इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों को भारत में अपने उत्पादों को निर्यात करने में अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

हालांकि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की व्यापार नीति की कई बार आलोचना कर चुके हैं और भारत को 'टैरिफ किंग' तक कह चुके हैं। इसके बावजूद, भारतीय बजट में किए गए इन संशोधनों से अमेरिकी कंपनियों को सीधा फायदा हो सकता है।

अमेरिकी निर्यात को कैसे होगा फायदा?

GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत को अमेरिका से मोटरसाइकिल का निर्यात लगभग 30 लाख डॉलर रहा। अब कस्टम ड्यूटी में कटौती से अमेरिकी निर्माताओं को भारतीय बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से भारत के कस्टम ड्यूटी ढांचे की आलोचना करते आए हैं, लेकिन यह नया बदलाव नीति में संभावित सुधार की ओर संकेत करता है। इससे अमेरिकी व्यापार को भारत में विस्तार करने का अवसर मिलेगा।

भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध

अप्रैल-नवंबर 2024-25 के दौरान अमेरिका, 82.52 अरब डॉलर व्यापार के साथ, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। इससे पहले, 2021-24 के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।

भारत की रणनीति और वैश्विक व्यापार

इस फैसले से स्पष्ट होता है कि भारत व्यापार को सुगम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, खासकर जब वैश्विक व्यापार का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कटौती अमेरिका के भारत को लेकर व्यापारिक दृष्टिकोण को कितना बदल पाएगी, यह अभी अनिश्चित है। फिर भी, यह कदम अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत कर सकता है।

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