Waqf Amendment Bill: मुसलमानों को वक्फ में संशोधन से फायदा या नुकसान? जानिए सबकुछ

Waqf Amendment Bill - मुसलमानों को वक्फ में संशोधन से फायदा या नुकसान? जानिए सबकुछ
| Updated on: 02-Apr-2025 08:15 PM IST

Waqf Amendment Bill: 2 और 3 अप्रैल 2025 को वक्फ के नाम पर जो कुछ अच्छा-बुरा भारत की संसद में होगा, उसके बीज 8 अगस्त 2024 को पड़े थे। नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सरकार बनाने के बाद बुलाए गए बजट सत्र में सरकार दो विधेयक लेकर आई। पहला – वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और दूसरा – मुसलमान वक्फ (रद्द) विधेयक, 2024। इन दोनों विधेयकों को लोकसभा में लाया गया। सरकार का कहना था कि इसके जरिए वक्फ की संपत्तियों को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकेगा और वक्फ बोर्ड के कामकाज को अधिक कारगर बनाया जाएगा।

वक्फ क्या है?

वक्फ ऐसी संपत्ति को कहते हैं जिसे धार्मिक और दान से जुड़े मकसदों के लिए आरक्षित कर दिया जाता है। इस्लामिक कानूनों के अनुसार, इस संपत्ति का उपयोग केवल धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए किया जा सकता है, और इसे वापस किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं बनाया जा सकता।

भारत में वक्फ का इतिहास

भारत में वक्फ का इतिहास दिल्ली सल्तनत के जमाने तक जाता है। सुल्तान मुहम्मद गोरी ने मुल्तान की जामा मस्जिद के लिए दो गांवों को वक्फ किया था। इसके बाद मुगल और अन्य इस्लामिक शासकों के दौर में वक्फ संपत्तियों की संख्या लगातार बढ़ती गई।

वक्फ संपत्तियों का विस्तार

आज की तारीख में भारतीय रेलवे और भारतीय सेना के बाद सबसे अधिक जमीन वक्फ बोर्ड के पास है। वक्फ बोर्ड के नियंत्रण में लगभग 8,70,000 संपत्तियां हैं, जो 9,40,000 एकड़ जमीन पर फैली हुई हैं। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 1,20,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।

वक्फ कानून संशोधन के दावे और चिंताएं

सरकार की दलीलें

  1. प्रबंधन में सुधार: 1995 के वक्फ कानून में संशोधन कर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जाएगी।

  2. तकनीक का उपयोग: वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन और प्रबंधन में आधुनिक तकनीक को शामिल किया जाएगा।

  3. 1923 के कानून की समाप्ति: औपनिवेशिक युग के मुसलमान वक्फ कानून, 1923 को समाप्त कर एक आधुनिक ढांचा तैयार किया जाएगा।

विपक्ष की चिंताएं

  1. धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप: विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि सरकार धार्मिक मामलों में दखल दे रही है।

  2. गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति: वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की अनिवार्यता को लेकर आपत्ति जताई जा रही है।

  3. संपत्ति विवाद: नए कानून के तहत वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाएगा, जिससे कई संपत्तियां सरकारी संपत्ति बन सकती हैं।

  4. डीएम को अधिक अधिकार: यदि किसी संपत्ति पर सरकार और वक्फ बोर्ड दोनों दावा करते हैं, तो अंतिम निर्णय डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) के विवेक पर निर्भर करेगा।

कुछ ऐसे प्रावधान जिन पर विवाद नहीं

  1. शिया, सुन्नी, बोहरा और आगाखानी समुदायों के लिए अलग-अलग वक्फ बोर्ड बनने का प्रस्ताव।

  2. वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती देने का प्रावधान।

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