Asaduddin Owaisi: ओवैसी के बिगड़े बोल, कहाँ- 'एक मस्जिद खो दी दूसरी खोने नहीं देंगे, ये तुम्हारे बाप की जायदाद है?'

Asaduddin Owaisi - ओवैसी के बिगड़े बोल, कहाँ- 'एक मस्जिद खो दी दूसरी खोने नहीं देंगे, ये तुम्हारे बाप की जायदाद है?'
| Updated on: 27-Feb-2024 09:50 AM IST
Asaduddin Owaisi: हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को तल्ख लहजे में कहा है कि हम एक मस्जिद खो चुके हैं लेकिन अब दूसरी मस्जिद नहीं गंवाएंगे। ओवैसी ने आगे सवाल पूछा ये तुम्हारे बाप की जायदाद है क्या? सोमवार (26 फरवरी, 2024) को उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ट्विटर (एक्स) हैंडल के जरिए ट्वीट कर ये बातें कहीं। ट्वीट किए गए. 1 मिनट 31 सेकेंड्स के इस वीडियो शेयर करते हुए ओवैसी ने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा- मस्जिद तुम्हारे बाप की जायदाद है? एक मस्जिद खो दी है. अब और कोई मस्जिद नहीं खोएंगे. इंशाअल्लाह।

असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर भी करारा हमला बोला, उन्होंने अपने ट्वीट में अगे कहा- तुम अपने घरों का सौदा कर लो लेकिन मस्जिद अल्लाह का घर है और इस पर कोई सौदा नहीं हो सकता है।

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अपने एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने लिखा-मैं चैलेंज करता हूं कि तुमने क्या हासिल किया, तुम इक्दियार की कुर्सी पर बैठे हो जबकि हमारा घर जला दिया गया।

असम में मुस्लिम मैरिज एक्ट खत्म किए जाने पर असुदद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़ा किया और कहा कि यह मजहब के खिलाफ कदम है। असम में बीजेपी सरकार ने मुस्लिम विवाह अधिनियम को खत्म कर दिया है। पहले, विवाह का रजिस्ट्रेशन ‘काजी’ या विवाह रजिस्ट्रार के माध्यम से किया जाता था और लोगों को विवाह प्रमाण पत्र मिलता था, अब उन्होंने इसे हटा दिया है। ओवैसी ने पूछा कि स्पेशल मैरिज एक्ट में ‘निकाह’ का कोई प्रावधान नहीं है, जो मुस्लिमों का धार्मिक अधिकार है। 

जिन्हें यूसीसी का मतलब नहीं पता वे...

असदुद्दीन ओवैसी ने समान नागरिक संहिता को लेकर भी सवाल खड़े किए और कहा कि बीजेपी और आरएसएस ऐसे लोगों को तैयार कर रहे हैं जिन्हें शरीयत नहीं मालूम, "वे (बीजेपी) हमसे शरियत को छीनना चाहते हैं। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा- वे तो तेलंगाना और हैदराबाद का दौरा कर रहे हैं लेकिन उन्हें पहले अपने राज्य का हाल ठीक करना चाहिए। ओवैसी ने तंज कसा कि "जो लोग यूसीसी लागू करने की बात करते हैं, उन्हें तो उसका फुल फॉर्म भी नहीं पता है। हर राज्य अपना कानून ला रहा है तो यूसीसी की क्या जरूरत है?" 

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