Deepinder Goyal: उम्र बढ़ने की रफ्तार धीमी करने की दिशा में बड़ी खोज: Zomato फाउंडर दीपिंदर गोयल का दावा

Deepinder Goyal - उम्र बढ़ने की रफ्तार धीमी करने की दिशा में बड़ी खोज: Zomato फाउंडर दीपिंदर गोयल का दावा
| Updated on: 14-Nov-2025 07:15 AM IST
Zomato के फाउंडर और Eternal के CEO दीपिंदर गोयल ने अपने नए लॉन्गेविटी प्रोजेक्ट ‘Continue’ को लेकर सोशल मीडिया पर एक बड़ी हलचल मचा दी है। उन्होंने हाल ही में एक रहस्यमयी पोस्ट के जरिए इशारा किया है कि उनकी टीम ने मानव उम्र बढ़ने (Aging) की प्रक्रिया को धीमा करने में एक महत्वपूर्ण सुराग खोज लिया है। यह दावा अगर सही साबित होता है, तो यह न केवल टेक्नोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि यह इंसान की उम्र और जीवन की परिभाषा को हमेशा के लिए बदल देने वाली एक वैज्ञानिक क्रांति भी साबित हो सकती है और गोयल ने इस खोज के बारे में विस्तार से जानकारी 15 नवंबर को साझा करने की बात कही है, जिससे वैज्ञानिक और आम जनता दोनों में उत्सुकता बढ़ गई है।

मानव उम्र बढ़ने पर नई सोच

दीपिंदर गोयल ने गुरुवार, 13 नवंबर को X (ट्विटर) पर अपनी पोस्ट। में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के बारे में एक नई सोच प्रस्तुत की। उन्होंने लिखा कि जैसे कभी इंसान मानता था कि पृथ्वी सपाट है और इस धारणा को मानने में सदियों लग गए, वैसे ही आज हम उम्र बढ़ने को लेकर किसी बड़ी सच्चाई को नजरअंदाज कर रहे हो सकते हैं। गोयल का मानना है कि मानव जाति ने रॉकेट बनाने, जीनोम को सीक्वेंस करने और सेल्स को क्लोन करने जैसे अविश्वसनीय वैज्ञानिक और तकनीकी कारनामे हासिल किए हैं। लेकिन अपनी सारी बुद्धिमत्ता और प्रगति के बावजूद, शायद हमने कुछ बेहद साधारण चीज को नजरअंदाज कर दिया है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को समझने और नियंत्रित करने की कुंजी हो सकती है। यह विचार हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम वास्तव में जीवन और उम्र के बारे में अपनी वर्तमान समझ में किसी मौलिक त्रुटि को अनदेखा कर रहे हैं।

दो साल की गहन रिसर्च

गोयल ने अपनी पोस्ट में बताया कि उनकी टीम ने पिछले दो साल की गहन रिसर्च के दौरान एक महत्वपूर्ण खोज की है। इस रिसर्च के परिणामस्वरूप, उन्होंने हमारे पर्यावरण के एक ऐसे तत्व की। पहचान की है, जो इंसान की उम्र बढ़ाने की कुंजी हो सकता है। यह दावा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उम्र बढ़ने को केवल आंतरिक जैविक प्रक्रियाओं तक सीमित न रखकर, बाहरी पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव पर भी प्रकाश डालता है और उन्होंने यह भी कहा कि वे इस खोज के बारे में 48 घंटे के भीतर, यानी 15 नवंबर को, विस्तार से जानकारी साझा करेंगे। इस घोषणा का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि यह न केवल 'Continue' प्रोजेक्ट की दिशा को स्पष्ट करेगा, बल्कि लॉन्गेविटी साइंस के क्षेत्र में एक नई बहस भी छेड़ सकता है। **क्या है ‘Continue’ प्रोजेक्ट? दीपिंदर गोयल ने 2024 में 'Continue' नाम से यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट में उन्होंने अपनी करीब ₹221 करोड़ की निजी पूंजी लगाई। है, जो इस पहल के प्रति उनकी गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शुरुआत में, 'Continue' केवल एक रिसर्च इनिशिएटिव था, जिसका मुख्य ध्यान उम्र बढ़ने। की जैविक प्रक्रिया (Biology of Aging) को गहराई से समझने पर केंद्रित था। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य उन मूलभूत तंत्रों को उजागर करना है जो मानव शरीर में उम्र बढ़ने का कारण बनते हैं, ताकि उन्हें संभावित रूप से धीमा या उलटा किया जा सके। यह एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण है जो मानव स्वास्थ्य और जीवनकाल पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

'लीवरेज पॉइंट्स' का सिद्धांत

पिछले महीने, गोयल ने X पर एक और पोस्ट में 'Continue' प्रोजेक्ट के पीछे की वैचारिक नींव को समझाया था। उन्होंने बताया था कि यह प्रोजेक्ट इस सोच से शुरू हुआ कि 'अगर मानव शरीर एक सिस्टम है, तो इसके भी कुछ लाभ उठाना points होंगे- ऐसे छोटे लीवर जिन्हें सही ढंग से एडजस्ट करने पर हम यह तय कर सकते हैं कि हम कितनी तेजी से बूढ़े हों। ' यह सिद्धांत इस विचार पर आधारित है कि जटिल प्रणालियों में कुछ ऐसे बिंदु होते हैं जहां एक छोटा सा हस्तक्षेप भी बड़े परिणाम दे सकता है। गोयल ने कहा कि उनकी टीम ने एक 'penny-drop insight' यानी ऐसा सरल लेकिन छिपा हुआ विचार खोजा है, जो सदियों से हमारी आंखों के सामने रहा है, लेकिन किसी ने उसे ठीक से पहचाना नहीं। यह अंतर्दृष्टि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए एक अप्रत्याशित लेकिन प्रभावी तरीका प्रदान कर सकती है।

180 साल तक स्वस्थ जीवन का लक्ष्य

दीपिंदर गोयल के अनुसार, 'Continue' प्रोजेक्ट का अंतिम मकसद एक ऐसा भविष्य बनाना है,। जहां आम लोग भी 180 साल या उससे ज्यादा उम्र तक स्वस्थ जीवन जी सकें। यह एक अत्यंत महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जो वर्तमान मानव जीवन प्रत्याशा से कहीं अधिक है। यदि यह लक्ष्य प्राप्त होता है, तो इसके सामाजिक, आर्थिक और नैतिक निहितार्थ बहुत गहरे होंगे और यह न केवल व्यक्तिगत जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि समाज के ताने-बाने और मानव सभ्यता की प्रगति को भी नया आयाम देगा। यह प्रोजेक्ट सिर्फ लंबी उम्र के बारे में नहीं है, बल्कि स्वस्थ और सक्रिय लंबी उम्र के बारे में है, जहां लोग अपने जीवन के अंतिम दशकों में भी पूरी तरह से कार्यशील और उत्पादक रह सकें। अगर दीपिंदर गोयल का यह दावा सही साबित होता है और उनकी टीम वास्तव में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में सफल होती है, तो यह मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजों में से एक होगी। यह सिर्फ एक तकनीकी या चिकित्सा संबंधी उपलब्धि नहीं होगी, बल्कि यह इंसान की उम्र और जीवन की परिभाषा को हमेशा के लिए बदल देने वाली एक अभूतपूर्व वैज्ञानिक क्रांति साबित हो सकती है। 15 नवंबर को होने वाली घोषणा पर दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई हैं, यह देखने के लिए कि 'Continue' प्रोजेक्ट ने वास्तव में क्या हासिल किया है।

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