- भारत,
- 19-Sep-2025 01:06 PM IST
Adani Group Shares: शुक्रवार का दिन अडानी ग्रुप और उसके लाखों निवेशकों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने गुरुवार को जारी दो अलग-अलग आदेशों में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के 2023 के विवादास्पद आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। SEBI ने अडानी ग्रुप, उसके संस्थापक गौतम अडानी और संबंधित कंपनियों को स्टॉक मैनिपुलेशन, इनसाइडर ट्रेडिंग तथा संबंधित पक्ष लेन-देन (RPT) नियमों के उल्लंघन जैसे सभी आरोपों से बरी कर दिया। परिणामस्वरूप, शुक्रवार को शेयर बाजार खुलते ही अडानी ग्रुप की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली, जिससे ग्रुप की कुल मार्केट वैल्यू में करीब 48,000 करोड़ रुपये का इजाफा हो गया।
यह फैसला न केवल अडानी ग्रुप के लिए राहत का सबब है, बल्कि भारतीय शेयर बाजार की पारदर्शिता और नियामक प्रक्रिया पर भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाने वाला है। गौतम अडानी ने X (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "SEBI ने हमेशा जो हमने कहा था, उसे दोहराया है—हिंडनबर्ग के दावे बेबुनियाद थे। पारदर्शिता और अखंडता ने हमेशा अडानी ग्रुप को परिभाषित किया है।" उन्होंने उन लोगों से माफी की मांग की, जिन्होंने 'धोखाधड़ीपूर्ण और प्रेरित' रिपोर्ट के आधार पर झूठे नैरेटिव फैलाए।
शेयर बाजार में आई बंपर रैली: अडानी टोटल गैस सबसे आगे
SEBI के फैसले के ठीक बाद शुक्रवार को बाजार खुलते ही अडानी ग्रुप के शेयरों ने रॉकेट की रफ्तार पकड़ ली। सुबह के सत्र में सबसे ज्यादा 13.27% की छलांग लगाई अडानी टोटल गैस ने, जो ग्रुप की प्रमुख गैस वितरण कंपनी है। उसके बाद अडानी पावर के शेयर 8.89% ऊपर चढ़े, जबकि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस 5.53%, अडानी ग्रीन एनर्जी 5.45% और अडानी एंटरप्राइजेज 5.23% मजबूत हुए।
अन्य कंपनियों में अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (2.80%), सांघी इंडस्ट्रीज (2.62%), एसीसी (1.64%), अंबुजा सीमेंट्स (1.33%) और एनडीटीवी (4.98%) के शेयरों में भी 1-5% की तेजी दर्ज की गई। यह रैली निवेशकों के बीच उत्साह का प्रतीक है, जहां रिलीफ बाइंग और शॉर्ट-कवरिंग ने बाजार को गति दी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी लंबे समय तक बनी रह सकती है, बशर्ते ग्रुप की कमाई रिपोर्ट मजबूत रहे।
मार्केट कैप में 48,612 करोड़ का उछाल: निवेशकों का भरोसा बहाल
इस एकदिनी तेजी से अडानी ग्रुप की कुल मार्केट वैल्यू में भारी वृद्धि हुई। खबर लिखे जाने तक ग्रुप की 10 सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 48,612 करोड़ रुपये बढ़ चुका था। यह आंकड़ा दर्शाता है कि SEBI का फैसला निवेशकों के लिए कितना महत्वपूर्ण साबित हुआ, जो पिछले दो सालों से अनिश्चितता के साये में जी रहे थे।
नीचे दी गई तालिका में प्रमुख कंपनियों के मार्केट कैप की तुलना दी गई है (आंकड़े BSE/NSE पर आधारित, करोड़ रुपये में):
| कंपनी का नाम | आज का मार्केट कैप | कल का मार्केट कैप | बढ़त (₹ करोड़ में) |
|---|---|---|---|
| अडानी एंटरप्राइजेज | 2,91,830.01 | 2,77,316.73 | 14,513.28 |
| अडानी पोर्ट्स एंड SEZ | 3,13,641.37 | 3,05,087.22 | 8,554.15 |
| अडानी पावर | 2,28,000.00 (अनुमानित) | 2,09,000.00 (अनुमानित) | 19,000.00 (अनुमानित) |
| अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस | 1,06,235.43 | 1,00,661.48 | 5,573.95 |
| अडानी ग्रीन एनर्जी | 1,64,453.98 | 1,55,946.92 | 8,507.06 |
| अडानी टोटल गैस | 75,595.45 | 66,736.48 | 8,858.97 |
| सांघी इंडस्ट्रीज | 1,726.91 | 1,682.74 | 44.17 |
| अंबुजा सीमेंट्स | 1,45,503.88 | 1,43,588.22 | 1,915.66 |
| एसीसी लिमिटेड | 35,458.92 | 34,883.35 | 575.57 |
| एनडीटीवी | 1,461.64 | 1,392.25 | 69.39 |
(नोट: कुछ आंकड़े अनुमानित हैं, वास्तविक बाजार उतार-चढ़ाव के आधार पर। कुल बढ़त ग्रुप स्तर पर।)
हिंडनबर्ग कांड: क्या था पूरा विवाद?
यह सबकी जड़ 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट थी, जिसमें अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन, इनसाइडर ट्रेडिंग, टैक्स हेवन का दुरुपयोग और RPT नियमों का उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप ने अडिकॉर्प एंटरप्राइजेज, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी तीन कंपनियों को 'कंड्यूट' के रूप में इस्तेमाल कर फंड्स को सूचीबद्ध इकाइयों जैसे अडानी पावर और अडानी एंटरप्राइजेज में ट्रांसफर किया, ताकि निवेशकों को गुमराह किया जा सके।
इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली हुई और ग्रुप का मार्केट कैप लगभग 150 बिलियन डॉलर (करीब 12 लाख करोड़ रुपये) तक गिर गया। सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को जांच सौंपी, जिसके बाद नियामक ने 2023 से विस्तृत प्रॉब शुरू की। लेकिन अब SEBI के आदेशों में साफ कहा गया है कि ये ट्रांजेक्शन 'संबंधित पक्ष' के दायरे में नहीं आते, इसलिए कोई खुलासा आवश्यक नहीं था। साथ ही, सभी लोन समय पर चुकाए गए और कोई धोखाधड़ी साबित नहीं हुई।
आगे की राह: चुनौतियां बरकरार, लेकिन उम्मीदें चमकदार
हालांकि SEBI का यह फैसला अडानी ग्रुप के लिए बड़ा झटका कम करने वाला है, लेकिन पूरी कहानी समाप्त नहीं हुई। अमेरिका में चल रही US डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ब्राइबरी स्कीम से जुड़ी जांच अभी लंबित है, जो ग्रुप के लिए चुनौती बनी हुई है। 2025 में ग्रुप के शेयरों का प्रदर्शन मिश्रित रहा—अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर में 16-20% की वृद्धि हुई, जबकि अडानी टोटल गैस और अडानी ग्रीन में 19% की गिरावट आई।
विश्लेषकों का कहना है कि यह क्लीन चिट ग्रुप की वृद्धि योजनाओं—जैसे ग्रीन एनर्जी, पोर्ट्स और सिमेंट सेक्टर में विस्तार—को गति देगी। लेकिन निवेशकों को सलाह दी जाती है कि बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखें। कुल मिलाकर, यह दिन न केवल अडानी ग्रुप बल्कि पूरे भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए एक सबक है: सच्चाई अंततः जीतती है।
