Elvish Yadav News / आखिर रेव पार्टी में सांप के जहर का क्या होता है? निशाने पर आए एल्विश यादव

Zoom News : Nov 03, 2023, 10:55 PM
Elvish Yadav News: बिग बॉस ओटीटी 2 के विनर एल्विश यादव पर आरोप है कि वो साथियों के साथ नोएडा में रेव पार्टी करते थे. पार्टी में प्रतिबंधित सांपों के जहर का इस्तेमाल करते थे. सांपों के साथ वीडियो शूट करते थे. एल्विश यादव पर यह आरोप पीपल फॉर एनिमल संस्था के गौरव गुप्ता ने लगाया है. इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने खुद को यूट्यूबर एल्विश यादव से जुड़े होने की बात कुबूली है. पुलिस को उसके पास से कोबरा समेत अलग-अलग प्रजाति के 9 सांप और सांपों का जहर मिला है.

ऐसे में सवाल है कि आखिर रेव पार्टियों में सांप के जहर का क्या काम, कैसे इसका इस्तेमाल किया जात है और यह कितना खतरनाक है.

सांप के जहर का क्या करते हैं?

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में ऐसे कई ड्रग का चलन बढ़ रहा है जो अल्कोहल एडिक्शन को बढ़ाते हैं. सांप का जहर भी इसी कैटेगरी में आता है. इन्हें सायकोएक्टिव पदार्थ कहते हैं. गांवों से लेकर शहरों तक, इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ साल पहले भारत में एक ऐसा भी मामला सामने आया था जिसमें 28 साल के एक युवा ने सांप का जहर पी लिया था. इसकी शुरुआत अल्कोहल में सांप का जहर मिलाने से हुई थी. पहले उसने शराब और जहर को मिलाकर पीना शुरू किया, फिर एडिक्शन इतना बढ़ा कि उसने जहर पी लिया.

रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए सांपों की कुछ खास प्रजातियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें नाजा-नाजा (कोबरा), ऑफियोड्रायस वर्नेलिस (ग्रीन स्नेक) और बंगेकरस केरिलियुस (क्राॅमन क्रैत) शामिल हैं. मुंबई और मंगलुरू समेत देश के कई शहरों में सांप के जहर के एडिक्शन के मामले सामने आ चुके हैं.

एल्विश यादव मामले में पुलिस ने जिन आरोपियों को हिरासत में लिया है उसके पास से कुछ खास प्रजातियों वाले सांप मिले हैं. इनमें 5 कोबरा, एक अजगर, 2 दोगुही सांप, एक रैट स्नेक मिला है जिसे आमतौर पर घोड़ा पछाड़ कहा जाता है. इसे अलावा 25 ml सांप का जहर भी बरामद किया गया है. दर्ज रिपोर्ट में कहा गया है कि वो सांप और इसके जहर का इस्तेमाल रेव पार्टी में करते थे.

साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सांप के जहर में ऐसे केमिकल होते हैं जो खास तरह की आनंद महसूस कराते हैं. शरीर को एनर्जी से भरते हैंक्योंकि सीधे तौर पर इसका असर दिमाग पर होता है. नशे के बाद कई घंटों तक इसका असर बरकरार रहता है.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और कोरा प्लेटफॉर्म में दावा किया गया है कि सांप के जहर की कुछ बूंदों को अल्कोहल में मिलाकर लिया जाता है. यह नशे के असर को बढ़ाने का काम करता है. यही वजह है कि रेव पार्टियों में चोरी-छिपे इसका इस्तेमाल किया जाता है.

क्या होते हैं सायकोएक्टिव ड्रग?

सांप के जहर को सायकोएक्टिव ड्रग की कैटेगरी में रखा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, सायकोएक्टिव ड्रग सीधे पर दिमाग पर असर छोड़ते हैं. अल्कोहल और निकोटिन भी इसी कैटेगरी में आते हैं. कानूनी तौर पर इनका इस्तेमाल दवा निर्माण और रिसर्च के क्षेत्र में किया जाता है. बिना डॉक्टरी सलाह या प्रिस्क्रिप्शन के इसे खरीदना या किसी को देना कई देशों में अपराध के दायरे में आता है.

इस तरह के ड्रग का इस्तेमाल सीधेतौर पर मौत का खतरा बढ़ाता है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के ड्रग का इस्तेमाल मौत की वजह बनता है. 15 से 64 की दुनिया की 5.5 फीसदी (27 करोड़) आबादी ने पिछले साल ऐसे सायकोएक्टिव ड्रग का इस्तेमाल किया. इसमें सालाना 5 लाख लोगों की मौत हो गई. जिसमें 3,50,000 पुरुष और 1,50,000 महिलाएं थीं.

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