Delhi Pollution / दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ कल से सख्त एक्शन: बिना PUCC नहीं मिलेगा तेल, BS-VI वाहनों को ही एंट्री

दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए 18 दिसंबर से सख्त नियम लागू हो रहे हैं। बिना प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUCC) के पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा और BS-VI से नीचे के बाहरी वाहनों को राजधानी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वर्क फ्रॉम होम और कारपूलिंग की अपील की है।

दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कमर कस ली है और 18 दिसंबर से राजधानी में कई कड़े नियम लागू होने जा रहे हैं और इन नियमों का उद्देश्य प्रदूषण के मुख्य स्रोतों पर लगाम लगाना और दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाना है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन नए प्रावधानों की घोषणा करते हुए दिल्लीवासियों से सहयोग की अपील की है।

बिना PUCC ईंधन नहीं

18 दिसंबर से दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर एक महत्वपूर्ण नियम लागू होगा:। बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUCC) के किसी भी वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह नियम दिल्ली में पंजीकृत वाहनों के साथ-साथ बाहर से आने वाले वाहनों पर भी लागू होगा। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली की साफ हवा के लिए PUCC का होना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जुर्माने से बचने का मामला नहीं। है, बल्कि शहर के पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाने का भी है। सरकार ने पेट्रोल पंपों पर अपनी प्रवर्तन टीमें तैनात करने का भी फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस नियम का सही ढंग से पालन हो और किसी को अनावश्यक परेशानी न हो।

बाहरी वाहनों पर सख्त प्रतिबंध

प्रदूषण फैलाने वाले बाहरी वाहनों पर भी दिल्ली सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। 18 दिसंबर से, दिल्ली के बाहर से आने वाले ऐसे वाहन जिनका रजिस्ट्रेशन BS-VI मानक से नीचे का है, उन्हें राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। यह कदम विशेष रूप से उन वाहनों को लक्षित करता है जो पुराने उत्सर्जन मानकों का पालन करते हैं और अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। मंत्री सिरसा ने स्पष्ट किया कि जब तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू है, तब तक केवल भारत स्टेज-6 (BS-VI) के अनुरूप वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर पाएंगे।

निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों पर प्रतिबंध

डस्ट पॉल्यूशन को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली के बाहर से आने वाले वे ट्रक जिनमें बदरपुर, रोड़ी, बजरी और अन्य निर्माण सामग्री होती है, उन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली में पहले से ही निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध है, और इस नए प्रतिबंध से निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। मंत्री सिरसा ने बताया कि डस्ट पॉल्यूशन में कमी लाने के लिए ऐसे ट्रकों पर रोक लगाना। आवश्यक है, क्योंकि धूल का उड़ना एक बड़ी चुनौती है और इसे कम करना बेहद जरूरी है।

वर्क फ्रॉम होम और कारपूलिंग को बढ़ावा

दिल्ली सरकार ने लोगों से प्रदूषण से निपटने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने लोगों से अधिक से अधिक कारपूलिंग अपनाने और वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने 50% वर्क फ्रॉम होम का आदेश भी दिया है। मंत्री ने खुद कारपूलिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि जब तक लोग ऐसे कॉन्सेप्ट को नहीं अपनाएंगे, तब तक सड़कों पर कारों की संख्या कम करना मुश्किल होगा। दिल्ली सरकार कारपूलिंग के लिए एक ऐप विकसित करने पर भी विचार कर रही है और कुछ ऐप्स के साथ बातचीत कर रही है ताकि दिल्ली सरकार की मदद से एक प्रभावी कारपूलिंग प्लेटफॉर्म बनाया जा सके।

निर्माण श्रमिकों को आर्थिक सहायता

प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कारण जिन निर्माण श्रमिकों को काम बंद होने से आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, उनके लिए दिल्ली सरकार ने राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने ऐसे श्रमिकों को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है और यह कदम उन हजारों मजदूरों को सहारा देगा जो कई दिनों से निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध के कारण बेरोजगार हैं। मंत्री सिरसा ने कहा कि यह एक मानवीय पहल है जो यह सुनिश्चित करती है कि प्रदूषण से लड़ने के प्रयासों में किसी को भी अत्यधिक नुकसान न हो।

धूल और ऑक्सीजन उत्सर्जन पर प्रभाव

एक शोध का हवाला देते हुए मंत्री सिरसा ने बताया कि पत्तों पर धूल जमने से ऑक्सीजन उत्सर्जन में कमी आती है। उन्होंने कहा कि धूल जमने की मात्रा के आधार पर 5% से भी अधिक ऑक्सीजन कम हो सकती है, जो एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ग्रीनरी बढ़ाने पर भी जोर दे रही है, जिसका असर भविष्य में देखने को मिलेगा। बारिश होने से धूल कम होती है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए वृक्षारोपण और धूल नियंत्रण के अन्य उपाय आवश्यक हैं।

विपक्ष के आरोपों पर पलटवार

विपक्ष द्वारा प्रदूषण के आंकड़ों में हेरफेर के आरोपों पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इन आरोपों को 'बेशर्मी की हद' बताया और कहा कि AQI सेंटर और AQI स्टेशन उन्हीं के (आम आदमी पार्टी) द्वारा लगाए गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब स्टेशन आम आदमी पार्टी ने ही लगाए हैं, तो वे कैसे मैनिपुलेट हो सकते हैं। सिरसा ने विपक्ष से राजनीति करने के बजाय प्रदूषण से लड़ने के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया। दिल्ली सरकार का मानना है कि इन कड़े कदमों और जनभागीदारी से ही राजधानी की हवा को फिर से साफ और स्वस्थ बनाया जा सकता है।