Beirut Explosion / 6 साल में 10 चेतावनी की अनदेखी से तबाही, कुल 19 अधिकारी अरेस्ट

NavBharat Times : Aug 08, 2020, 04:57 PM
बेरुत में बंदरगाह के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है जहां हाल ही में हुए घातक विस्फोट से 150 से अधिक लोग मारे गए हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान के अटर्नी जनरल जज घासन अल-खौरी ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार हुए अधिकारियों में सीमा शुल्क विभाग के महानिदेशक बद्री डाहर, पूर्व सीमा शुल्क निदेशक चाफिक मरही और बेरुत पोत के महानिदेशक हसन कोरयतेम शामिल हैं। यह लेबनान के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट था जिसमें 154 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,000 से अधिक लोग घायल हैं। विस्फोट के बाद से सोशल मीडिया पर चल रहे दस्तावेजों में लेबनान के लंबे समय से सत्तारूढ़ राजनीतिक कुलीनतंत्र के भ्रष्टाचार, लापरवाही और अक्षमता और लोगों को सुरक्षा समेत मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफलता की बातें सामने आई हैं।

अधिकारियों पर गिर रही गाज

बेरुत में हुए भयावह विस्फोट की घटना के बाद बंदरगाह के 16 कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है जिसके ठीक एक दिन बाद अब इन अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है। गुरुवार शाम को सैन्य न्यायाधिकरण के सरकारी आयुक्त जज फादी अकीकी ने कहा कि अब तक 18 लोगों से पूछताछ की गई है जिनमें बंदरगाह और सीमा शुल्क अधिकरियों के साथ हैंगर में रखरखाव करने के लोग भी शामिल हैं जहां सालों से विस्फोटक सामग्री रखा हुआ था। बेरुत के पहले इंवेस्टिगेटिव जज घसान ओयुदैत ने भी बंदरगाह के सात अधिकारियों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाते हुए एक निर्देश जारी किया है। 


6 साल में 10 बार दी चेतावनी

लेबनान के सीमा शुल्क अधिकारियों, सेना, सुरक्षा एजेंसियों और न्यायपालिका के अधिकारियों ने पिछले छह वर्ष में कम से कम 10 बार इस बात को लेकर चेतावनी दी थी कि बेरूत के बंदरगाह में विस्फोटक रसायनों का जखीरा पड़ा है और उसकी सुरक्षा लगभग न के बराबर है। हाल में सामने आए कुछ दस्तावेजों से यह पता चलता है। इन चेतावनियों पर जरा भी गौर नहीं किया गया और मंगलवार को 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हो गया जिससे देश के मुख्य वाणिज्यिक केंद्र में भयंकर तबाही मची तथा हर तरफ मौत और बर्बादी के मंजर देखे गए। 


3 हफ्ते पहले राष्ट्रपति को मिली थी जानकारी

राष्ट्रपति मिचेल औन ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें करीब तीन हफ्ते पहले खतरनाक रसायन भंडार के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्होंने फौरन सैन्य और सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए थे लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी जिम्मेदारी वहां खत्म हो गई थी क्योंकि बंदरगाह पर उनका कोई अधिकार नहीं है। जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्होंने यह देखा कि उनके आदेश का अनुपालन हुआ या नहीं, इस पर राष्ट्रपति ने कहा, 'आप जानते हैं कि कितनी सारी समस्याएं इकट्ठी हो गई हैं?' 


टॉप लीडर्स को थी जानकारी?

राष्ट्रपति की टिप्पणियां इस बात की तस्दीक करती हैं कि शीर्ष नेताओं को रासायनिक भंडार की जानकारी थी। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'रासायनिक भंडार वहां सात वर्ष से था। उन्होंने कहा कि यह खतरनाक है और मैं जिम्मेदार नहीं हूं। मुझे नहीं मालूम था कि यह कहां रखा था। मुझे खतरे का स्तर तक मालूम नहीं था। मेरे पास बंदरगाह के मामलों से सीधे तौर पर निपटने का कोई अधिकार नहीं है।' औन ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि लापरवाही के चलते विस्फोट हुआ हो लेकिन किसी बम या अन्य 'बाहरी हस्तक्षेप' की आशंका से भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने फ्रांस से उपग्रह से ली तस्वीरें भेजने के लिए कहा है ताकि यह देखा जा सके कि क्या विस्फोट के वक्त वहां कोई विमान या मिसाइल देखी गई।

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