बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और 'ही-मैन' के नाम से मशहूर धर्मेंद्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया है और उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री और उनके करोड़ों प्रशंसकों में शोक की लहर है। धर्मेंद्र ने अपनी दमदार अदाकारी, एक्शन, रोमांस और कॉमेडी के अनूठे मिश्रण से दर्शकों के दिलों पर राज किया। उनका फिल्मी सफर 64 साल लंबा रहा, जिसमें उन्होंने हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में दीं। उनकी आखिरी फिल्म 'इक्कीस' अगले महीने सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है, जो उनके प्रशंसकों के लिए एक अंतिम उपहार होगी।
धर्मेंद्र का अद्वितीय स्टारडम
धर्मेंद्र का स्टारडम ऐसा था कि उनकी हर फिल्म रिलीज से पहले ही चर्चा का विषय बन जाती थी और उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें बॉलीवुड का असली 'ही-मैन' बनाया। चाहे वह एक्शन से भरपूर किरदार हों, रोमांटिक भूमिकाएं हों या कॉमेडी से दर्शकों को हंसाना हो, धर्मेंद्र हर अंदाज में छा जाते थे। उन्होंने सिर्फ अपने किरदारों से ही नहीं, बल्कि अपनी सहज और प्रभावशाली एक्टिंग से भी दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। पर्दे पर उनके एक्शन दृश्यों को खूब सराहा जाता था, जिससे वे एक जनप्रिय सितारे बन गए।
बॉक्स ऑफिस पर दबदबा
धर्मेंद्र ने अपने शानदार फिल्मी सफर में हिंदी सिनेमा को अनगिनत हिट और ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। 60 और 70 के दशक में, वे बॉक्स ऑफिस के सबसे पसंदीदा और सफल सितारों में से एक थे। उनकी फिल्मों ने दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचा और उन्हें हर घर का प्रिय चेहरा बना दिया। 'शोले', 'चुपके चुपके', 'धरम वीर', 'दोस्त', 'अनुपमा', 'सीता और गीता', 'कटी पतंग' जैसी फिल्मों ने उन्हें अमर कर दिया। इन फिल्मों ने न केवल व्यावसायिक सफलता हासिल की, बल्कि समीक्षकों। द्वारा भी सराही गईं, जिससे उनकी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया गया।
स्टारडम की बुलंदियां
धर्मेंद्र ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1960 में 24 साल की उम्र में फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से की थी। शुरुआती दौर में, उन्होंने 'बंदिनी', 'आई मिलन की बेला' और 'काजल' जैसी हिट फिल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाईं, जहाँ उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और हालांकि, 1965 में रिलीज हुई फिल्म 'हकीकत' ने उन्हें बॉक्स ऑफिस पर एक सफल लीड हीरो के रूप में स्थापित किया। इस फिल्म के बाद उनकी किस्मत चमक गई और उन्हें बड़े प्रोजेक्ट्स मिलने लगे।
'हकीकत' की सफलता के बाद, 'फूल और पत्थर' रिलीज हुई, जिसने धर्मेंद्र को एक पूर्ण स्टार बना दिया। इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात सुपरस्टारडम दिलाया। इसके बाद, 1970 के दशक के आखिर तक, धर्मेंद्र लगातार बॉलीवुड के शीर्ष अभिनेताओं में से एक बने रहे। उन्होंने 'अनुपमा', 'आदमी और इंसान', 'मेरा गांव मेरा देश', 'सीता और गीता', 'शोले', 'लोफर', 'यादों की। बारात' और 'धरम वीर' जैसी कई हिट और सुपरहिट फिल्में दी, जिन्होंने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया। उनकी हर फिल्म एक नया रिकॉर्ड बनाती और दर्शकों के बीच उत्साह पैदा करती थी।
एक्शन हीरो के रूप में पहचान
80 के दशक में, धर्मेंद्र ने अपनी छवि को और मजबूत करते हुए एक्शन फिल्मों में काम करना शुरू किया। इस दशक में उन्होंने 'बदले की आग', 'गुलामी', 'लोहा' और 'ऐलान-ए-जंग' जैसी कई सफल एक्शन मूवीज में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। उनके एक्शन अवतार को दर्शकों ने खूब पसंद किया और वे एक बार फिर बॉक्स ऑफिस पर छा गए। उनकी ये फिल्में आज भी एक्शन प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं।
अतुलनीय हिट फिल्मों का रिकॉर्ड
धर्मेंद्र ने अपने 64 साल के शानदार करियर में कुल 75 हिट फिल्में दीं,। जो किसी भी हिंदी फिल्म एक्टर की लीड रोल वाली सबसे ज्यादा हिट फिल्में हैं। इनमें से 6 फिल्में ब्लॉकबस्टर श्रेणी में शामिल थीं और यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो उन्हें हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान दिलाता है। तुलनात्मक रूप से, अमिताभ बच्चन ने 57 हिट फिल्में दी हैं, राजेश खन्ना ने 42, शाहरुख खान ने 35 और सलमान खान ने 38 हिट फिल्में दी हैं और यह जानकारी अभी तक रिलीज हुई इन सभी स्टार्स की फिल्मों के अनुसार है, जो धर्मेंद्र के स्टारडम और बॉक्स ऑफिस पर उनके दबदबे को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। धर्मेंद्र का योगदान हिंदी सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा।