नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम मामले पर आम आदमी को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिस्थगन सुविधा का लाभ लेने वाले लोगों को 15 नवंबर 2020 तक ब्याज पर ब्याज नहीं देना होगा। यह भी कहा कि किसी भी ऋण खाते को 15 नवंबर तक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित नहीं किया जा सकता है क्योंकि हम इसे प्रतिबंधित कर रहे हैं। इससे पहले, सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत सॉलिसिटर जनरल और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और बैंकों के वकील हरीश साल्वे ने मामले में सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इसके बाद मामले की सुनवाई 2 नवंबर तक के लिए टाल दी गई है।केंद्र को दिया 2 नवंबर तक स्कीम पर सर्कुलर जारी करने का निर्देशसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को ब्याज माफी योजना को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए। केंद्र को इसके लिए एक महीने का समय क्यों चाहिए। सुप्रीम ने यह भी कहा कि अगर सरकार इस पर कोई फैसला लेती है, तो हम तुरंत आदेश पारित करेंगे। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सभी ऋण अलग-अलग तरीके से दिए गए हैं। इसलिए, सभी को अलग-अलग तरीके से निपटा जाना चाहिए। तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि 2 नवंबर को ब्याज माफी योजना पर ब्याज पर छूट दी जाए।
