Rajasthan Big News / गहलोत सरकार अब देश में पहली बार खनन के क्षेत्र में भी लागू करेगी 'Reservation'

Zoom News : Jun 29, 2021, 07:22 AM
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार खनन के क्षेत्र में भी आरक्षण (Reservation) को लागू करेगी। माइनिंग के लिए खनन ब्लॉक्स के आवंटन (Mining sector) समेत अन्य गतिविधियों में अनुसूचिचित जाति-जनजाति, पिछड़े, विकलांग और युवाओं समेत महिलाओं को भी आरक्षण देने की तैयारी की जा रही है। यह सबकुछ तय होने के बाद नई खनन नीति को लॉन्च किया जायेगा। दावा किया जा रहा है कि खनन गतिविधियों में आरक्षण लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य होगा।

राजस्थान को लंबे अर्से से नई माइनिंग पॉलिसी का इंतजार है। नई पॉलिसी बनाने का काम 90 फीसदी तक पूरा हो चुका है। लेकिन सीएम अशोक गहलोत ने इस पॉलिस को होल्ड कर इसमें आरक्षण का प्रावधान शामिल करने के निर्देश दिये हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माइनिंग विभाग की एक समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक के बाद उन्होंने नई माइनिंग पॉलिसी में खनन में आरक्षण देने ही बात कही है।



खान विभाग से लेकर सियासी गलियारों तक में है इसकी चर्चा

मुख्यमंत्री के इस फैसले की चर्चा खनन से लेकर सियासी गलियारों तक है। क्योंकि इससे पहले देशभर में कहीं भी खान आवंटन में आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है। हालांकि प्रदेश की माइनिंग पॉलिसी करीब-करीब फाइनल थी। इस पॉलिसी में राजस्थान में खनन क्षेत्र में ज्यादा बेहतर काम पर फोकस किया गया था। इसके साथ ही ये कोशिश की जा रही थी कि प्रदेश में कैसे ज्यादा बेहतर तरीके से खनन किया जाए। कैसे खनन के नये भंडार खोजे जाए और खनन के जरिए प्रदेश में ज्यादा रोजगार का सजृन कर इसे पर्यावरण फ्रेंडली बनाया जाये।


खान विभाग एक्सरसाइज में जुटा

अब राज्य की नई माइनिंग पॉलिसी में आरक्षण एक नया बिंदू होगा। फिल्हाल खनन विभाग इसकी एक्सरसाइज में जुट गया है कि खनन में आरक्षण किस तरह से और किसे कितना दिया जाए। खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि माइनिंग पॉलिसी में आरक्षण का प्रावधान किया जाए। वैसे पॉलिस का काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है।


आला अफसरों की एक कमेटी बनाई

खान मंत्री प्रमोद जैन भाया में इसके लिए विभाग के आला अफसरों की एक कमेटी बनाई है। ये कमेटी तय करेगी कि कैसे एससी-एसटी और महिलाओं का आरक्षण दिया जाए। इसके क्या नियम कायदे होंगे। इससे पॉलिसी बनने में थोड़ा समय लगेगा। पॉलिसी फाइनल होने के बाद इसे न्याय विभाग, वित्त विभाग और कैबिनेट को भेजा जाएगा। विभाग की कोशिश रहेगी कि ऐसी पॉलिसी बनाई जाए कि उसमें आगे कोई कानूनी बाधा न आए।

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