- भारत,
- 07-Jun-2025 10:10 PM IST
Bangladesh Election: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस इन दिनों जबरदस्त राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अप्रैल 2026 में आम चुनाव कराने की घोषणा की है, लेकिन चुनाव की तारीख को लेकर अब तक कोई स्पष्टता नहीं दी है। इस फैसले से बांग्लादेश का राजनीतिक परिदृश्य और अधिक तनावपूर्ण हो गया है। प्रमुख विपक्षी दलों—बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश—ने दिसंबर 2025 में ही चुनाव कराने की मांग करते हुए अप्रैल 2026 की समयसीमा को सिरे से खारिज कर दिया है।
यूनुस की घोषणा और विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
6 जून को ईद-उल-अजहा के मौके पर दिए गए टेलीविजन संबोधन में मोहम्मद यूनुस ने चुनाव आयोग की ओर से जल्द ही विस्तृत रोडमैप जारी किए जाने की बात कही थी। यह घोषणा अगस्त 2024 के छात्र विद्रोह के बाद की गई थी, जिसके चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि यूनुस की इस घोषणा को विपक्ष ने सरकार की कमजोरी और निर्णयहीनता का प्रतीक करार दिया है।
बीएनपी की स्थायी समिति की आपात बैठक में पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने कहा कि “90 प्रतिशत राजनीतिक दल दिसंबर तक चुनाव की मांग कर चुके हैं, ऐसे में अप्रैल 2026 का प्रस्ताव लोकतंत्र का अपमान है।” बीएनपी ने रमजान, मौसम, और परीक्षाओं जैसी व्यावहारिक बाधाओं का हवाला देते हुए चुनाव को टालने का विरोध किया।
जनता के समर्थन से आंदोलन की तैयारी
बीएनपी और उसके सहयोगी दल अब इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाकर समर्थन जुटाने की तैयारी में हैं। वे इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यूनुस सरकार जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है ताकि सत्ता पर पकड़ बनी रह सके। रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएनपी अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर दिसंबर में चुनाव कराने की मांग को लेकर एक व्यापक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने की योजना बना रही है।
शेख हसीना का तीखा हमला
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी मोहम्मद यूनुस पर सीधा हमला बोला है। एक ऑडियो संदेश में उन्होंने यूनुस पर आतंकवादियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा, “यह सरकार बांग्लादेश को विनाश की ओर ले जा रही है। यूनुस चुनाव नहीं कराना चाहते। उनके शासन में हमारी बनाई संस्थाएं नष्ट हो रही हैं और देश का आर्थिक ढांचा कमजोर पड़ रहा है।”
हसीना की पार्टी, अवामी लीग—which अब प्रतिबंधित है—ने भी यूनुस पर झूठ फैलाने और विदेशी शक्तियों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि यूनुस सरकार जनता की अपेक्षाओं की अनदेखी कर केवल अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में लगी है।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर यूनुस की सक्रियता
मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन और जापान का दौरा किया है और जल्द ही यूके और अमेरिका की यात्रा भी प्रस्तावित है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूनुस अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाकर अपनी सरकार की वैधता को मजबूत करने की कोशिश में हैं। लेकिन घरेलू स्तर पर विपक्ष, सेना और जनता का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।