Tu Meri Main Tera / कार्तिक की फिल्म 'तू मेरी मैं तेरा' रिलीज से पहले विवादों में, 'सात समंदर पार' गाने पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप

कार्तिक आर्यन और अनन्या पांडे की फिल्म 'तू मेरी मैं तेरा' रिलीज से पहले कानूनी पचड़े में फंस गई है। त्रिमूर्ति फिल्म्स ने धर्मा प्रोडक्शंस पर 'सात समुंदर पार' गाने के कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में 10 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

कार्तिक आर्यन और अनन्या पांडे अभिनीत आगामी फिल्म 'तू मेरी मैं तेरा' अपनी रिलीज से पहले ही एक बड़े कानूनी विवाद में घिर गई है। करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित यह फिल्म, जो सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है, अब त्रिमूर्ति फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लगाए गए कॉपीराइट उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही है और यह विवाद 1992 की प्रतिष्ठित फिल्म 'विश्वात्मा' के लोकप्रिय गाने 'सात समुंदर पार' के कथित अनौपचारिक रीमिक्स और उपयोग से जुड़ा है।

कानूनी विवाद की जड़

त्रिमूर्ति फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है, जिसमें धर्मा प्रोडक्शंस पर उनके आइकॉनिक ट्रैक 'सात समुंदर पार' के अनधिकृत उपयोग का आरोप लगाया गया है और याचिका में कहा गया है कि फिल्म में इस गाने की धुन और बोल का इस्तेमाल त्रिमूर्ति फिल्म्स के कॉपीराइट का उल्लंघन है। यह आरोप फिल्म के ट्रेलर रिलीज होने के बाद सामने आया, जिसे प्रशंसकों द्वारा काफी पसंद। किया गया था, लेकिन अब यह कानूनी अड़चन फिल्म की रिलीज पर सवालिया निशान लगा रही है।

10 करोड़ का मानहानि का मुकदमा और फिल्म पर रोक की मांग

त्रिमूर्ति फिल्म्स ने धर्मा प्रोडक्शंस से 10 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने कार्तिक आर्यन की फिल्म 'तू मेरी मैं तेरा' की रिलीज पर तत्काल रोक लगाने की भी मांग की है। याचिका में गाने, उसकी धुन और बोल के किसी भी प्रकार के इस्तेमाल या रीमिक्स पर स्थायी रोक लगाने की भी अपील की गई है और यह मामला फिल्म उद्योग में कॉपीराइट कानूनों के महत्व को एक बार फिर उजागर करता है।

आरोपी पक्ष और सुनवाई की तारीख

इस मुकदमे में धर्मा प्रोडक्शंस और नमः पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड, जो फिल्म के निर्माता हैं, को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा, म्यूजिक लेबल सारेगामा इंडिया लिमिटेड और प्रसिद्ध रैपर-कंपोजर बादशाह को भी आरोपी के रूप में नामित किया गया है। यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में सिंगल-जज जस्टिस शर्मिला देशमुख के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है। मामले की सुनवाई 22 दिसंबर को निर्धारित की गई है,। जिस पर फिल्म उद्योग और प्रशंसकों की निगाहें टिकी हुई हैं।

कॉपीराइट स्वामित्व का दावा

दायर याचिका के अनुसार, त्रिमूर्ति फिल्म ही 'विश्वात्मा' और उसके सभी गानों के कॉपीराइट की मूल मालिक है। इसका अर्थ है कि म्यूजिकल और लिटररी कामों के साथ-साथ साउंड रिकॉर्डिंग के सभी अधिकार त्रिमूर्ति के पास हैं। इसमें गाने या उसके किसी भी हिस्से को किसी भी सिनेमैटोग्राफ फिल्म में शामिल करने का विशेष अधिकार भी शामिल है। त्रिमूर्ति फिल्म्स का दावा है कि उनके पास इस गाने के सभी प्रकार के उपयोग और वितरण के अनन्य अधिकार हैं।

समझौते की व्याख्या पर विवाद

शिकायत में यह भी बताया गया है कि सारेगामा की पिछली कंपनी, द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ 1990 में एक समझौता हुआ था। त्रिमूर्ति फिल्म्स के अनुसार, यह समझौता केवल मौजूदा, मूल ऑडियो काम के रिप्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन तक ही अधिकार देता था और त्रिमूर्ति का स्पष्ट कहना है कि इस समझौते में गाने की रिकॉर्डिंग को मॉडिफाई या अडैप्ट करके सिंक्रोनाइजेशन, रीमिक्स जैसे तरीकों से कोई नया काम बनाने का अधिकार शामिल नहीं था। यह कानूनी लड़ाई अब इस बात पर केंद्रित होगी कि क्या धर्मा प्रोडक्शंस का गाने का उपयोग 1990 के समझौते की शर्तों का उल्लंघन करता है और क्या त्रिमूर्ति फिल्म्स के कॉपीराइट अधिकारों का हनन हुआ है। इस मामले का परिणाम भविष्य में फिल्म उद्योग में संगीत के उपयोग और। कॉपीराइट समझौतों की व्याख्या के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम कर सकता है।