News18 : Sep 21, 2020, 07:12 AM
माले। चीन (China) के 'कर्ज ट्रैप' में फंसे मालदीव (Maldives) के लिए भारत (India) बड़ी राहत बनकर सामने आया है। कोविड -19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव से निपटने के लिए भारत ने मालदीव को 25 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता (Soft loan of $250 mn) दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव सरकार पर चीन का 3.1 अरब डॉलर का भारी-भरकम कर्ज है। वह भी तब जब मालदीव की पूरी अर्थव्यवस्था करीब 5 अरब डॉलर की है। इसे चीन के खिलाफ भारत की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने कोरोना के कारण पैदा हए आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद के लिए आग्रह किया था, जिसके बाद ये फ़ैसला लिया गया। सहायता के लिए भारत का शुक्रिया अदा करते हुए राष्ट्रपति सोलिह ने ट्विटर पर लिखा, 'जब भी मालदीव को एक दोस्त की मदद की ज़रूरत होती है, भारत ऐसे मौकों पर सामने आता है। पीएम मोदी, सरकार और भारत के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया, उन्होंने आज 25 करोड़ डॉलर की मदद कर पड़ोसी होने की भावना और उदारता दिखाई है।'
डॉक्टर्स और दवाएं भी भेजेगा भारतभारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि रविवार को विदेश मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में वित्तीय सहायता अनुदान सौंपा गया। भारत की तरफ़ से ये मदद सर्वाधिक अनुकूल शर्तों पर की गई है। इससे पहले भारत ने मालदीव की सहायता के लिए डॉक्टरों और विशेषज्ञों का दल और दवाएं भी भेजी थीं। मालदीव के राजस्व का एक तिहाई हिस्सा पर्यटन से आता है। इसलिए कोविड -19 के कारण वहां की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। उधर चीन इस स्थिति का फायदा उठाकर छोटे देशों को शिकार बना रहा है। हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सरकार और उसकी कंपनियों ने 150 से ज्यादा देशों को 1.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 112 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का लोन भी दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने कोरोना के कारण पैदा हए आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद के लिए आग्रह किया था, जिसके बाद ये फ़ैसला लिया गया। सहायता के लिए भारत का शुक्रिया अदा करते हुए राष्ट्रपति सोलिह ने ट्विटर पर लिखा, 'जब भी मालदीव को एक दोस्त की मदद की ज़रूरत होती है, भारत ऐसे मौकों पर सामने आता है। पीएम मोदी, सरकार और भारत के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया, उन्होंने आज 25 करोड़ डॉलर की मदद कर पड़ोसी होने की भावना और उदारता दिखाई है।'
डॉक्टर्स और दवाएं भी भेजेगा भारतभारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि रविवार को विदेश मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में वित्तीय सहायता अनुदान सौंपा गया। भारत की तरफ़ से ये मदद सर्वाधिक अनुकूल शर्तों पर की गई है। इससे पहले भारत ने मालदीव की सहायता के लिए डॉक्टरों और विशेषज्ञों का दल और दवाएं भी भेजी थीं। मालदीव के राजस्व का एक तिहाई हिस्सा पर्यटन से आता है। इसलिए कोविड -19 के कारण वहां की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। उधर चीन इस स्थिति का फायदा उठाकर छोटे देशों को शिकार बना रहा है। हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सरकार और उसकी कंपनियों ने 150 से ज्यादा देशों को 1.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 112 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का लोन भी दिया है।
श्रीलंका और लाओस के बाद मालदीव का नंबरबता दें कि आरोप हैं कि पहले चीन कर्ज देता है और फिर कर्ज न लौटा पाने की स्थिति में उस देश की सरकारी नीतियों को प्रभावित कर चीनी कंपनियों को ठेका दिलाने का काम करता है। श्रीलंका (Sri Lanka) और लाओस (Laos) के बाद अब भारत का एक और पड़ोसी मालदीव भी चीन के कर्ज के पहाड़ तले दबता जा रहा है। मालदीव के पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान समय में देश की संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद (Mohamed Nasheed) कहते हैं कि देश पर चीन का कुल कर्ज करीब 3।1 अरब डॉलर है।नशीद ने देश में जिन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट के लिए चीन से लोन लिए गए, उनकी व्यवहारिकता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, 'क्या ये प्रॉजेक्ट इतना राजस्व देंगे कि उनके जरिए कर्ज को वापस किया जा सकेगा? इन परियोजनाओं का बिजनस प्लान यह कहीं नहीं दर्शाता है कि लोन को वापस चुकाया जा सकेगा,' इसमें सरकारों के बीच लिया गया लोन, सरकारी कंपनियों को दिया गया लोन तथा प्राइवेट कंपनियों को दिया गया लोन शामिल है जिसे गारंटी मालदीव सरकार ने दी है। नशीद को यह डर सता रहा है कि मालदीव चीन के कर्ज के जाल में फंस सकता है। दरअसल, वर्ष 2013 में मालदीव में चीन समर्थक अब्दुल्ला यामीन की सरकार ने देश में आधारभूत परियोजनाओं के नाम पर चीन से बड़े पैमाने पर लोन लिया था। अब यही अरबों डॉलर का लोन वर्तमान सरकार के लिए गले की फांस बन गया है।India has always risen to the occasion whenever Maldives needed a friend. My sincere thanks to PM @narendramodi , government and people of India for their neighborly spirit and generosity following the official handover of USD250 million as financial assistance today.
— Ibrahim Mohamed Solih (@ibusolih) September 20, 2020