- भारत,
- 16-Jun-2025 09:56 AM IST
Benjamin Netanyahu: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि ईरान के इस्लामी शासन ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को परमाणु कार्यक्रम के लिए खतरा मानते हुए उनकी हत्या की कोशिश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान न सिर्फ ट्रंप को बल्कि उन्हें भी निशाना बनाना चाहता था।
नेतन्याहू का दावा: ईरान के दुश्मन नंबर एक हैं ट्रंप
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप ईरान के दुश्मन नंबर एक हैं। वह कभी भी दबाव में नहीं झुके और न ही उन्होंने परमाणु समझौते के लिए कोई कमजोर रवैया अपनाया। ईरान को लगा कि ट्रंप उनके परमाणु कार्यक्रम के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, इसलिए उन्होंने उन्हें खत्म करने की कोशिश की।”
परमाणु बम के करीब है ईरान
इजराइली पीएम ने यह भी दावा किया कि खुफिया एजेंसियों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि ईरान अब परमाणु हथियार बनाने के अंतिम चरण में है। उनके मुताबिक, “ईरान एक महीने के भीतर न्यूक्लियर टेस्ट करने की तैयारी में था और साल भर में उसके पास पूरी तरह से कार्यशील परमाणु हथियार होते।”
हिजबुल्ला और हमास के जरिए ट्रंप की हत्या की साजिश
नेतन्याहू ने ईरान समर्थित आतंकवादी संगठनों हिजबुल्ला और हमास की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन्हीं के जरिए ट्रंप की हत्या की दो बार कोशिश की गई। उन्होंने कहा, “जो लोग अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगाते हैं, जो बेरुत में अमेरिकी सैनिकों की जान ले चुके हैं, जो इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों के खिलाफ काम करते हैं, वही ट्रंप के पीछे पड़े थे।”
खतरे में हैं दुनिया के शहर
नेतन्याहू ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि ईरान को परमाणु हथियार मिलते हैं तो सिर्फ इजराइल ही नहीं, पूरी दुनिया खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा, “क्या आप चाहते हैं कि ऐसे कट्टर लोगों के हाथों में एटमी बम हों? क्या आप चाहते हैं कि आपके शहरों पर वो बम गिरें?”
ट्रंप के साथ ‘जूनियर पार्टनर’
बोलते हुए नेतन्याहू ने खुद को ट्रंप का ‘जूनियर पार्टनर’ बताया और कहा कि दोनों ने मिलकर ईरान को पीछे धकेलने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि उनका और ट्रंप का उद्देश्य सिर्फ इजराइल या अमेरिका की सुरक्षा नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को ईरानी परमाणु खतरे से बचाना था।