Israel-Gaza Conflict / इजरायल की कैबिनेट ने गाजा में युद्धविराम और दर्जनों बंधकों की रिहाई के समझौते को मंजूरी दी

इजरायल की कैबिनेट ने गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के समझौते को मंजूरी दी है। इसके तहत 33 बंधकों की रिहाई होगी, बदले में सैकड़ों फलस्तीनियों को छोड़ा जाएगा। मानवीय सहायता बढ़ेगी और कई क्षेत्रों से सेना हटेगी। नेतन्याहू की सरकार को विरोध का सामना है।

Vikrant Shekhawat : Jan 18, 2025, 09:50 AM
Israel-Gaza Conflict: इजरायल और गाजा में लंबे समय से जारी तनाव और संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की कैबिनेट ने गाजा में युद्धविराम और दर्जनों बंधकों की रिहाई के समझौते को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जिससे 15 महीने से जारी हिंसा और मानवीय संकट को समाप्त करने की उम्मीद की जा रही है।

कैसे हुआ यह निर्णय?

इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य गाजा में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को रिहा करने और संघर्ष विराम लागू करने पर सहमति बनाना था। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

बैठक से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया था कि समझौते को अंतिम रूप देने में कुछ बाधाएं हैं। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि इन अड़चनों को दूर करने के लिए प्रयास जारी हैं। इससे पहले गुरुवार को भी सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में इस समझौते पर चर्चा की गई थी, लेकिन तब हमास के साथ कुछ विवादों के चलते मतदान में देरी हुई थी।

क्या है समझौते की शर्तें?

समझौते के तहत:

  1. बंधकों की रिहाई: गाजा में बंधक बनाए गए 100 लोगों में से 33 को शुरुआती छह हफ्तों में रिहा किया जाएगा।
  2. फलस्तीनियों की रिहाई: इसके बदले इजरायल सैकड़ों फलस्तीनियों को कैद से छोड़ने पर सहमत हुआ है।
  3. युद्धविराम और मानवीय सहायता: युद्धविराम के साथ इजरायली सेना कुछ क्षेत्रों से पीछे हटेगी। इससे हजारों फलस्तीनियों को अपने घर लौटने और जीवन को फिर से बसाने का मौका मिलेगा। मानवीय सहायता में भी वृद्धि की जाएगी।
  4. अगले चरण की योजना: पुरुष सैनिकों सहित अन्य बंधकों को रिहा करने के लिए समझौते के दूसरे चरण को क्रियान्वित किया जाएगा।

राजनीतिक चुनौतियां और विरोध

हालांकि, इस निर्णय को इजरायल की राजनीति में मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दक्षिणपंथी सहयोगियों ने इस समझौते पर कड़ा विरोध जताया है। इन नेताओं का मानना है कि फलस्तीनियों की रिहाई से सुरक्षा संबंधी जोखिम बढ़ सकते हैं।

नेतन्याहू के लिए यह फैसला राजनीतिक रूप से जोखिम भरा है, क्योंकि वह अपने दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर हैं। फिर भी, उन्होंने इस समझौते को लागू करने के लिए दृढ़ता दिखाई है, जिसे शांति और स्थिरता की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

क्या है आगे की उम्मीद?

अगर यह समझौता सफलतापूर्वक लागू होता है, तो यह न केवल बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करेगा बल्कि इजरायल और गाजा के बीच दशकों से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। मानवीय सहायता के बढ़ने से गाजा के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

हालांकि, इस समझौते की सफलता कई कारकों पर निर्भर करेगी, जैसे कि दोनों पक्षों की सहमति, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय समर्थन, और जमीनी स्तर पर इसे लागू करने की प्रक्रिया।

निष्कर्ष

इजरायल और गाजा के बीच यह समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में नई उम्मीद जगाता है। लेकिन यह केवल पहला चरण है, और इसके कार्यान्वयन और स्थिरता के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और सहयोग की आवश्यकता होगी।