Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के तहत मतदान जारी है और इस बीच राजनीतिक दलों के बीच बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सियासी घमासान देखने को मिल रहा है।
वाल्मीकि समुदाय पर निशाना?
AAP के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली में वाल्मीकि समुदाय के लोगों को टार्गेट करके गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "पूरी दिल्ली में वाल्मीकि समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। मैं अमित शाह और भाजपा से पूछना चाहता हूं कि वाल्मीकि समुदाय से उनकी दुश्मनी क्या है?" संजय सिंह ने समुदाय के लोगों से घरों से बाहर निकलकर अपने वोट की ताकत दिखाने की अपील की।
संजय सिंह ने यह भी दावा किया कि वाल्मीकि चौपाल के प्रधान उदयगिर को मंदिर मार्ग थाने में तथा हरीश जी को साउथ एवेन्यू थाने में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
बीजेपी का पलटवार
संजय सिंह के इन आरोपों का जवाब देते हुए NDMC सदस्य अनिल वाल्मीकि ने कहा कि संजय सिंह का बयान पूरी तरह से राजनीतिक है क्योंकि आम आदमी पार्टी को अपनी हार साफ़ दिख रही है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने वाल्मीकि समुदाय को इतना सम्मान दिया है कि AAP घबरा गई है। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वाल्मीकि और दलित समुदाय बीजेपी को वोट दे रहे हैं। अरविंद केजरीवाल अपना निर्वाचन क्षेत्र भी हार रहे हैं।"अनिल वाल्मीकि ने यह भी आरोप लगाया कि AAP सरकार ने वाल्मीकि समुदाय के नौजवानों को झूठे वादे देकर गुमराह किया और अब हार की आशंका में वह ऐसे बयान दे रही है। उन्होंने कहा, "पहले ये लोग हमारे समाज के युवाओं को गुंडा बताते थे, लेकिन अब वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा को पूरे वाल्मीकि समुदाय का समर्थन प्राप्त है और नई दिल्ली सीट से भाजपा की ही जीत होगी।"
क्या है चुनावी समीकरण?
दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 की जंग दिलचस्प होती जा रही है। आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है, जबकि कांग्रेस भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में लगी हुई है।राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, इस बार का चुनाव पूरी तरह से जातीय और धार्मिक समीकरणों पर निर्भर हो सकता है। वाल्मीकि और दलित समुदायों के वोट किस ओर जाएंगे, यह चुनावी नतीजों में अहम भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष
चुनाव के दौरान नेताओं की बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार दिल्ली चुनाव में जातिगत समीकरणों को लेकर माहौल काफी गर्माया हुआ है। AAP और भाजपा के बीच यह टकराव किस ओर मोड़ लेगा, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन इतना तय है कि दिल्ली की सियासत में इस चुनाव के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।