उतर प्रदेश / गैंगस्टर की पत्नी ऋचा दुबे बोली- फिर कोई दूसरा विकास दुबे भारत में खड़ा ना हो

AajTak : Jul 24, 2020, 07:56 AM
यूपी के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कहा कि अगर विकास ऐसा कांड करने के बाद मेरे सामने आते तो मैं गोली मार देती। ऋचा दुबे का कहना है कि वो कई साल से पति विकास दुबे के साथ नहीं रहती। वो शादी के दो साल बाद ही पति का घर छोड़ कर चली गई थी। क्योंकि वो शहर की लड़की थी और उन्हें गांव का माहौल अच्छा नहीं लगता था। विकास वहां अक्सर झगड़ा करता था।


शादी के 2 साल बाद छोड़ दी थी ससुराल


ऋचा दुबे ने बताया कि विकास उनके भाई का दोस्त था। उनकी मुलाकात घर पर हुई थी। विकास उनके घर आता-जाता था। तब लगा कि साथ रह सकते हैं और 1996 में शादी कर ली। लेकिन गांव का माहौल कुछ अच्छा नहीं था। विकास आए दिन लड़ाई झगड़ा करता था। जब वो विकास को रोकने की कोशिश करती थी, तो वो अभद्रता करता था। यही वजह है कि 1998 में वह अपनी मां के घर रहने चली गई थी। फिर वो 7 साल तक वहीं रही। इस दौरान विकास दुबे बच्चों से मिलने के लिए वहां आता जाता था। ऋचा दुबे भी गांव में जाती थी।


7 दिन यहां वहां घूमती रही


ऋचा दुबे बताती हैं कि 2-3 जुलाई की दरम्यानी रात यानी बिकरू शूटआउट की रात विकास ने 2 बजे उन्हें फोन किया। विकास ने उनसे कहा कि गांव में झगड़ा हो गया है। तुम घर से बच्चों को लेकर निकल जाओ। वो बिना सोचे समझे आधी रात को यूं ही घर से निकल गई। समझ नहीं आया कि कहां जाएं। फिर उन्होंने एक प्लाजा में शरण ली। वो प्लाजा की छत पर टहलते थे। इसी तरह से उन्होंने 7 दिन गुजारे।


न्यूज़ देखकर पता चली 8 लोगों को मारने की बात


ऋचा दुबे ने का कि इस दौरान उन्हें कोई मदद नहीं मिली। कोई गाड़ी नहीं मिली। गाड़ी की बात फेक न्यूज है। जब वे बाहर घूम रहे थे। एक होटल में खाना खाया। वहीं टीवी पर न्यूज देखकर पता चला कि विकास ने 8 लोगों का मार दिया। ऋचा कहती हैं कि विकास उन्हें कुछ नहीं बताते थे। ना उनसे कुछ डिस्कस करते थे। बस वो खर्चा पानी भेजते थे।


लॉकडाउन में पुलिसवालों को खिलाया खाना


ऋचा दुबे का साफ कहना है कि उन्हें नहीं पता है कि वहां क्या हुआ। बदूंकों का भी पता नहीं था। जब भी वहां गई तो घर में सब खुशहाल रहते थे। यहां तक कि विकास ने उन्हें बताया कि लॉकडाउन के दौरान तीन माह तक 15 पुलिसवालों को खाना खिला रहा था। ऋचा दुबे ने बताया कि वो विनय तिवारी को शक्ल से पहचानती हैं। बाकी किसी के बारे में कुछ नहीं पता।


बच्चों को बदमाश की औलाद नहीं कहलाना था


ऋचा दुबे ने विकास के घर यानी अपनी ससुराल के बारे में बताया कि वो वहां फोर्सफुली जाती थी। वैसे नहीं जाती थी। वहां 50% लोगों को वो नहीं जानती हैं। वो बच्चों को लेकर वहां जाती थी। सुबह जाती थी और शाम को वापस आ जाती थी। उनका कहना है कि वो अपने बच्चों को बदमाश की औलाद नहीं कहलाना चाहती थी। उनके जीवन का मकसद बच्चों को अपराध से दूर रखना था। बच्चों को काबिल बनाना था। एक बच्चा मेडिकल में है। दूसरे ने भी अच्छे नंबर हासिल किए हैं। उनकी लाइफ का केवल एक मोटिव था, बच्चे।


उस रात विकास से कहा था- तुमने घर बर्बाद कर दिया


बिकरू शूटआउट की रात जब विकास ने अपनी पत्नी ऋचा दुबे को फोन किया था, तो वो कहती हैं कि उन्होंने विकास से कहा कि उसने उनका घर बर्बाद कर दिया है। ये बात सुनकर विकास ने ऋचा के साथ गाली गलौच की। इसी बात पर ऋचा ने फोन पटक दिया था।


एनजाइटी अटैक की वजह से किया ये कांड


8 पुलिसवालों को मार देने के सवाल पर ऋचा दुबे ने विकास के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि वो हैवी एनजाइटी का शिकार था। वो उसका इलाज करा रही थी। लेकिन सही उपचार नहीं हो सका। क्योंकि वो उनके पास कम आता था। उसी एनजाइटी अटैक की वजह से उसने ये कृत्य किया। इससे पहले वो बोली कि अपराधी कोई पैदाइशी नहीं होता। विकास को आस-पास के लोगों ने अपराधी बनाया।


अखबार देखकर पता चलते थे विकास के संबंध

ऋचा दुबे का कहना है कि उनका विकास से सिर्फ भारतीय नारी, पत्नी होने की वजह से एक नाता था। वो बस अपने बच्चों को पाल रही थी। नेताओं और अधिकारीयों से विकास के संबंधों पर ऋचा दुबे कहती हैं कि उन्हें ये सब अखबारों से पता चलता था। मीडिया में आने वाली ख़बरों से ही जानकारी मिलती थी कि वो कहां गए। या जब कहीं उनकी तस्वीरें छपती थी।


चरित्र का गंदा नहीं था विकास


एक महिला से विकास के संबंध और उसे साथ रखने के सवाल पर ऋचा दुबे ने बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा कि विकास चरित्र के गंदे नहीं थे। वो जिद्दी इंसान था। गुस्से वाला था। मगर चरित्र का गंदा नहीं था। एक पत्नी से ज्यादा पति का चरित्र कोई नहीं जानता।


वहां से हट सकता था विकास


बिकरू शूटआउट पर वो कहती हैं कि ये दंडनीय अपराध था। उन्होंने टीवी पर न्यूज देखकर कहा था कि अब वो एक छत के नीचे नहीं रहेंगे। यह कृत्य भयानक था। 200 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ था। ऋचा कहती हैं कि उस रात जब विकास को पांच घंटे पहले ही ख़बर मिल चुकी थी कि पुलिस उसे पकड़ने आ रही है, तो वो दस मिनट के लिए वहां से हट सकते थे। बाद में अपनी बात कानून के सामने रखते। मगर वहां जो हुआ बहुत भयानक कृत्य था।


ऋचा दुबे ने जताया न्यायपालिका पर भरोसा


विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने के सवाल पर ऋचा दुबे बोली कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। जो फैसला कोर्ट देगी स्वीकार करेंगे। ऋचा दुबे ने कहा कि पुलिस ने कोई गलत कृत्य नहीं किया। पुलिस ने ठीक किया। जो उन्होंने किया उसकी सजा मिल गई।


बच्चों के लिए समाज से अपील


ऋचा दुबे ने आजतक से कहा कि उनका दर्द वो किसी से शेयर नहीं कर सकती। उन्हें इसी समाज में रहना है। वो सामाजिक महिला हैं। उन्होंने समाज से अपील करते हुए कहा कि समाज के लोग उनका साथ दें। बच्चों को पढ़ाने में मदद करें। बच्चे बहुत शॉक्ड हैं। छोटा बेटा बात करने से भी बच रहा है।


अगर करोड़ों की संपत्ति होती तो विदेश में रहती


जय वाजपेयी और विदेशों में विकास दुबे की संपत्ति के सवाल पर ऋचा दुबे ने कहा कि वो उसके बारे में ज्यादा नहीं जानती। वो उससे एक बार मिली थी जिला पंचायत चुनाव में। ऋचा बोली अगर करोड़ों की संपत्ति-प्रॉपर्टी होती तो क्या वो 1600 फीट के मकान में रहती। वो कहीं विदेश में रह रही होती। संपत्ति के बारे में सब गलत खबरें है।


पीड़ितों से मांगी माफी


ऋचा ने बिकरू एनकाउंटर पर बोलते हुए कहा कि जो विकास ने किया उसके बारे में वो बस यही कहना चाहती हैं कि वो माफी मांगना चाहती हैं, उन विधवाओं से, जो इस कृत्य का शिकार बने पुलिसवालों की पत्नियां हैं। ऋचा बोली कि इस कृत्य से उनका कोई लेना-देना नहीं था। पुलिस हमारी रक्षक होती है, नहीं होना चाहिए था ऐसा। ऋचा ने साफ कहा कि अगर विकास ऐसा करने के बाद उनके सामने होते तो वो उसे गोली मारने की क्षमता रखती।


ऋचा नहीं चाहती कि फिर पैदा हो कोई विकास दुबे


ऋचा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विकास द्वारा जमीन कब्जाने के बारे में उन्हें नहीं पता। ऋचा ने ये भी कहा कि कोई पैदाइशी अपराधी नहीं होता। जब वो भैरो घाट से निकल रही थी, तो उन्होंने वहां मौजूद पुलिसवालों से माफी मांगी। वो नहीं चाहती कि फिर कभी यूपी ही नहीं बल्कि पूरे भारत में कोई विकास दुबे पैदा हो। आखिर में ऋचा ने कहा कि विकास का लक बहुत अच्छा था, इसलिए वो बचता रहा।

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