Russia-Ukraine War / और भीषण होगी जंग! पुतिन के प्रस्ताव पर ट्रंप राजी लेकिन उखड़े जेलेंस्की

रूस-यूक्रेन विवाद थमने के बजाय और भड़क गया है। जेलेंस्की ने रूस की शर्तों पर युद्धविराम से इंकार करते हुए एक इंच जमीन न देने का ऐलान किया। इसके बाद रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन पर भीषण हमले तेज कर दिए। ट्रंप-पुतिन वार्ता की संभावना अब पूरी तरह खत्म हो गई।

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष थमने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी सेनाएं यूक्रेन पर लगातार हमले तेज कर रही हैं, खासकर पूर्वी क्षेत्रों में। यह वृद्धि तब आई जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से घोषणा की कि वे रूस की शर्तों पर युद्धविराम नहीं करेंगे और न ही अपनी एक इंच जमीन रूस को सौंपेंगे। इस बयान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच प्रस्तावित शांति वार्ता को जटिल बना दिया है।

जेलेंस्की का यह ऐलान ऐसे समय में आया जब ट्रंप और पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलने वाले हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप पुतिन की कुछ शर्तों पर सहमत होने के लिए तैयार दिख रहे हैं, लेकिन जेलेंस्की ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। इस फैसले से ट्रंप और पुतिन दोनों में असंतोष की खबरें आ रही हैं, और यूक्रेन पर रूसी हमलों में तेजी देखी जा रही है।

युद्धविराम की उम्मीदें धराशायी

जेलेंस्की के बयान के बाद रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम की सभी संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी फैसला यूक्रेन के बिना नहीं लिया जा सकता, और भूमि छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। इस घोषणा ने ट्रंप के शांति प्रयासों पर पानी फेर दिया है, और अलास्का वार्ता शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। यूरोपीय नेता भी यूक्रेन का साथ देने की बात कर रहे हैं, और रूस पर दबाव बढ़ाने की अपील कर रहे हैं।

रूसी सेनाओं के तीव्र हमले

जेलेंस्की की घोषणा के बाद रूसी सेनाओं ने पूर्वी यूक्रेन में अपने अभियान को और तेज कर दिया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि रूसी फौजें खार्किव से कीव तक, और सुमी से ओडेसा तक विभिन्न मोर्चों पर हमले कर रही हैं। मायकोलाइव और ओडेसा जैसे शहरों में भारी बमबारी की खबरें हैं। रूस का उद्देश्य यूक्रेन को दो भागों में विभाजित करना और पूर्वी क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करना प्रतीत होता है, जिससे यूक्रेन के आधे से अधिक भूभाग पर खतरा मंडरा रहा है। हालिया मूल्यांकनों में रूसी आक्रामक अभियान की बात की गई है, हालांकि पिछले 8 घंटों में विशेष रूप से तीव्र हमलों की पुष्टि नहीं हुई है।

रूस के हमलों का कारण

रूस के नए हमलों का सीधा संबंध जेलेंस्की के इनकार से जुड़ा माना जा रहा है। 15 अगस्त को अलास्का में ट्रंप-पुतिन की मुलाकात शांति समझौते पर केंद्रित होने वाली थी। दोनों नेता युद्धविराम के लिए तैयार थे, लेकिन जेलेंस्की के बयान ने सब कुछ बदल दिया।

जेलेंस्की ने ट्रंप के फैसले का विरोध क्यों किया?

ट्रंप और रूस युद्धविराम के लिए कुछ शर्तों पर सहमत होने को तैयार थे, लेकिन जेलेंस्की ने इसे अस्वीकार कर दिया। कारण यह है कि यूक्रेन की सेना और जनता रूस की शर्तों पर समझौता नहीं चाहते। एक हालिया सर्वे में 76% यूक्रेनियन ने रूस की शर्तों पर युद्धविराम को नामंजूर किया है। यूक्रेनी सेनाध्यक्ष ने भी कहा कि कोई भी समझौता यूक्रेन के हितों को ध्यान में रखकर होना चाहिए। जेलेंस्की को डर है कि जनता और सेना के खिलाफ जाना उनके लिए राजनीतिक रूप से घातक साबित हो सकता है।

रूस के प्रस्ताव में क्या शामिल था?

पुतिन ने युद्धविराम के लिए प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें यूक्रेन को डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जैपोरिझिया और खेरसॉन क्षेत्र छोड़ने को कहा गया। साथ ही, अमेरिका को क्रीमिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की मांग थी। ट्रंप ने इन शर्तों पर विचार करने की बात कही है, और भूमि अदला-बदली को आवश्यक बताया है।

ट्रंप पुतिन की शर्तों पर क्यों राजी हुए?

ट्रंप के इस रुख का एक कारण पिछले साल यूक्रेन युद्ध में मारे गए सीआईए अधिकारी के बेटे माइकल ग्लॉस की घटना है। ग्लॉस रूस की ओर से लड़ते हुए मारे गए थे, और पुतिन ने उन्हें ऑर्डर ऑफ लेनिन पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के माध्यम से उनके परिवार तक पहुंचाया गया। विटकॉफ ने हाल ही में मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की थी, और इस सकारात्मक कदम से ट्रंप प्रभावित हुए।