China-US / ड्रैगन ने कहा- दक्षिणी चीन सागर पर हमारी सेना का कब्जा, अमेरिका बोला- फिर भी हम यहां हैं

AMAR UJALA : Jul 05, 2020, 11:50 PM

अमेरिका-चीन के बीच कोरोना वायरस उत्पत्ति से लेकर हांगकांग में कारोबार तक तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन की बढ़ती दादागीरी के खिलाफ अमेरिका ने नौसेना के दो एयरक्राफ्ट वाहक युद्धपोत दक्षिण चीन सागर में भेज दिए हैं। इन जंगी विमानों ने क्षेत्र में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। यह जंग समुद्र से उठकर ट्विटर पर भी पहुंच गई है। रविवार को चीन के ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट में दक्षिणी चीन सागर पर अपना कब्जा बताया तो अमेरिका ने भी उसे वहीं जवाब दे दिया। 

ग्लोबल टाइम्स ने एक विश्लेषक के हवाले से लिखा, 'चीन के पास बड़ी संख्या में विमान-रोधी वाहक हथियार (एंटी एयरक्राफ्ट करियर वेपंस) हैं। हमारे पास डीएफ-21डी और डीएफ-26 जैसे एयरक्राफ्ट को तबाह कर देने वाली मिसाइल हैं। दक्षिणी चीन सागर पूरी तरह से चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के कब्जे में है। इस क्षेत्र में कोई भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट करियर की गतिविधि पीएलए की अनुमति के बिना नहीं हो सकती।' 

इस पर अमेरिकी नौसेना के सूचना प्रमुख के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने इस ट्वीट पर जवाब लिखा, 'और इसके बावजूद वे यहां हैं। अमेरिकी नौसेना के दो एयरक्राफ्ट करियर दक्षिणी चीन सागर के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में गतिविधियां कर रहे हैं। यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन किसी से डरने वाले नहीं हैं।' बता दें कि अमेरिकी नौसेना के दो युद्धपोत फिलहाल दक्षिणी चीन सागर में मौजूद हैं और यहां से कुछ ही दूरी पर चीनी नौसेना का अभ्यास हो रहा है। 

दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन ने हिंद-प्रशांत में समर्थन देते हुए अपना ऑपरेशन और अभ्यास शुरू कर दिया है। अभी यह नहीं बताया गया है कि 900 मील के इस क्षेत्र में युद्धाभ्यास कहां पर किया जा रहा है। अमेरिका के रियर एडमिरल जॉर्ज एम. विकॉफ ने बताया, हमारा मकसद अपने सहयोगियों को स्पष्ट संकेत देना है कि हम क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

बता दें कि पिछले सप्ताह चीन ने पैरासेल द्वीप के पास एक जुलाई से पांच दिनों के लिए सैन्य अभ्यास के संचालन का एलान किया था। इस द्वीप पर वियतनाम और चीन दोनों ही अपना दावा करते हैं। जबकि इसी क्षेत्र में दो अमेरिकी जंगी विमान वाहक युद्धपोत चौबीसों घंटे हमला करने की क्षमता का परीक्षण करेंगे। चीन-अमेरिका के सैन्य जहाज एक ही क्षेत्र में एक समय पर अभ्यास करेंगे, यह बेहद ही तनावपूर्ण मौका होगा।

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