Lok Sabha Elections / 'हम लागू करवाएंगे हाई कोर्ट का आदेश'- अमित शाह की बंगाल में OBC आरक्षण विवाद पर दो टूक

Vikrant Shekhawat : May 23, 2024, 04:30 PM
Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण के मामले पर बवाल मचा हुआ है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2010 के बाद दिए गए सारे OBC सर्टिफिकेट को रद्द करने का आदेश दिया है। हालांकि, दूसरी ओर राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि वह हाई कोर्ट का आदेश नहीं मानेंगी। अब इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हाई कोर्ट के फैसले का अमल हो इस बात को हम सुनिश्चित करेंगे।

क्या बोलीं थी ममता बनर्जी?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- "आज मैंने एक न्यायधीश को एक आदेश पारित करते हुए सुना, जो काफी मशहूर रहे हैं। प्रधानमंत्री इस बारे में कह रहे हैं अल्पसंख्यक तपशीली आरक्षण छीन लेंगे, क्या ऐसा कभी हो सकता है? तपशीली या आदिवासी आरक्षण को अल्पसंख्यक कभी छू नहीं सकते, लेकिन ये शरारती लोग (भाजपा) अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं, किसी के माध्यम से इन्होंने आदेश कराया है लेकिन मैं यह राय नहीं मानूंगी, जिन्होंने आदेश दिया है वह इसे अपने पास रखें, भाजपा की राय हम नहीं मानेंगे, OBC आरक्षण जारी है और हमेशा जारी रहेगा।"

पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर डाका- अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा- "यह मामला मूलतः वहां से है जब ममता बनर्जी ने 118 मुसलमान जातियों को बिना किसी पिछड़ेपन के सर्वे प्रक्रिया के OBC का आरक्षण दे दिया, कोई कोर्ट में गया और कोर्ट ने इसका संज्ञान लेकर 2010 से 2024 तक जितने प्रमाणपत्र जारी हुए हैं उसका स्थगन आदेश दिया। ममता बनर्जी पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर डाका डालकर मुसलमानों को देना चाहती हैं। 

हम लागू करवाएंगे हाई कोर्ट का आदेश- अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मैं हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। मैं बंगाल की जनता से पूछना चाहता हूं कि कोई मुख्यमंत्री, संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति ऐसा हो सकता है कि हाई कोर्ट के आदेश को न मानें, किस प्रकार की मानसिकता से बंगाल का लोकतंत्र गुजर रहा है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हाई कोर्ट के फैसले का अमल हो और पिछड़े वर्ग को उनका अधिकार मिले न कि तुष्टीकरण और वोट बैंक की नीति के कारण उन्हें मिले जो पिछड़े नहीं है। भाजपा इसका विरोध करती है क्योंकि संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई अनुमति नहीं देता।

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