All Party Meeting: सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए 42 नेता, AAP का वॉकआउट; सत्र में इन मुद्दों पर चर्चा की मांग

All Party Meeting - सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए 42 नेता, AAP का वॉकआउट; सत्र में इन मुद्दों पर चर्चा की मांग
| Updated on: 28-Nov-2021 04:40 PM IST
संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) से पहले सरकार की ओर से रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ज्यादातर विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी विवाद, महंगाई, किसानों के मुद्दे, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी (MSP) को लेकर कानून बनाए जाने, बेरोजगारी, लद्दाख में चीन के अतिक्रमण सहित कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा किए जाने की मांग की और सरकार को रचनात्मक मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग देने का आश्चासन दिया. सरकार ने विपक्षी दलों को आश्वस्त किया कि वह विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत अध्यक्ष और सभापति की परमीशन से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है.

ये नेता हुए शामिल

सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके नेता टी आर बालू, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र, बीजद के प्रसन्न आचार्य, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता विनायक राउत आदि मौजूद थे. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए.

विपक्ष ने की ये मांग

बैठक के बाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘सर्वदलीय बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. सभी दलों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने पर सरकार तुरंत ध्यान दे.’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिजली संशोधन विधेयक पर भी सरकार से ध्यान देने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उनसे कहा कि कुछ विधेयकों को पेश करने के बाद वह उसे संसद की स्थाई समिति को भेजना चाहती है और इस बारे में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय हो जायेगा. खड़गे ने कहा, ‘हम सरकार को सहयोग करना चाहते हैं. अच्छे विधेयक आएंगे, तब हम सरकार का सहयोग करेंगे. अगर हमारी बात नहीं मानी (चर्चा को लेकर) गई, तब सदन में व्यवधान की जिम्मेदारी सरकार की होगी.’

प्रधानमंत्री नहीं पहुंचे

कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि बैठक में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बारे में भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘हमने सरकार से मांग की है कि कोविड महामारी के कारण जान गंवाने वालों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को भी मुआवजा दिया जाए.’ खड़गे ने कहा, ‘हम अपेक्षा कर रहे थे कि बैठक में प्रधानमंत्री आएंगे, लेकिन किसी कारण से वह नहीं आए.’ उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री से कृषि कानूनों को लेकर कुछ बातों पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे.’

विपक्ष ने सहयोग का दिया आश्वासन

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया, ‘सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया. इसमें विभिन्न विषयों पर रचनात्मक चर्चा हुई और विपक्ष की ओर से कुछ अच्छे सुझाव आए.’ उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत अध्यक्ष और सभापति की परमीशन से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है. जोशी ने कहा, ‘हमने अपील की है कि सदन में बिना किसी व्यवधान के कामकाज हो. विपक्ष ने भी आश्वस्त किया है कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे.’

BSF के अधिकार का मुद्दा भी उठा 

वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह बीच में ही बैठक छोड़कर बाहर निकल गए. सिंह ने कहा कि वे बैठक में किसानों, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के विषय को उठा रहे थे, लेकिन बीच में ही टोका-टोकी की गई. सिंह ने आरोप लगाया कि कि संसद में भी नहीं बोलने दिया जाता है और यहां बैठक में भी टोका-टोकी की गई. ऐसे में बैठक में रहने का कोई अर्थ नहीं है. विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने, संघीय ढांचे और महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा भी उठाया.

23 दिसंबर तक चलेगा सत्र

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाने का मुद्दा उठाया. बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने 10 बिन्दुओं को उठाया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, संघीय ढांचे का मुद्दा, मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश, कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने, संघीय ढांचे, कोविड-19 की स्थिति और महिला आरक्षण विधेयक आदि का मुद्दा शामिल है. गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा.

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।