UP Election 2022: इस लड़की को अखिलेश ने बस 3 मिनट में ही दे दिया विधान सभा चुनाव का टिकट, जानें ऐसा क्यों
UP Election 2022 - इस लड़की को अखिलेश ने बस 3 मिनट में ही दे दिया विधान सभा चुनाव का टिकट, जानें ऐसा क्यों
|
Updated on: 26-Jan-2022 07:19 PM IST
कहा जाता है कि चुनावी दौर में जहां नेताओं की आधी जंग चुनाव जीतना होती है तो उससे पहले आधी जंग टिकट मिलने तक की होती है. एक ही सीट पर एक ही पार्टी के तमाम नेताओं की दावेदारी रहती है. ऐसे में कई दिनों तक कयास लगाए जाते हैं और फिर एक क्षेत्र से किसी एक पार्टी के उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जाता है. ऐसे में पार्टी उस नेता पर भरोसा करती है जिसके चुनाव जीतने की अधिक संभावन हों. ऐसे में आम जनमानस में एक सवाल रहता है कि पार्टी लोगों पर कैसे भरोसा करती है और क्या देखकर चुनाव की टिकट कंफर्म होती है.आगरा की फतेहाबाद सीट से मिला टिकटऐसे में आगरा जिले की फतेहाबाद विधान सभा सीट (Fatehabad Assembly Seat) से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की उम्मीदवार रूपाली दीक्षित (Rupali Dikshit) की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. दरअसल रूपाली की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि सपा प्रत्याशी को इस सीट से अपनी टिकट कंफर्म कराने में महज 3 मिनट लगे और उन्होंने बाकी सभी प्रत्याशियों की दावेदारी को निरस्त कर दिया. आपको बता दें कि रूपाली आगरा के बाहुबली रहे अशोक दीक्षित की बेटी हैं. उन्होंने लंदन से MBA की पढ़ाई की, फिर दुबई की मल्टीनेशनल कंपनी (MNC) में नौकरी की और फतेहाबाद की सियासी जमीन को फतह करने के लिए ताल ठोक रही हैं.सिर्फ 3 मिनट में माने अखिलेशगौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने फतेहाबाद विधान सभा से पहले राजेश कुमार शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था, हालांकि करीब 36 घंटे बाद ही अपना प्रत्याशी बदलकर रूपाली दीक्षित को टिकट दे दिया. जानकारों की मानें तो रूपाली को इस टिकट के लिए बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को महज 3 मिनटों में कन्वेंस (Convince) कर लिया.इस कारण चुनावों में टिकट की इच्छा जाहिर कीटिकट की दावेदारी के लिए रूपाली ने जो दलीलें दीं उनमें BJP प्रत्याशी के उस वीडियो क्लिप का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर उसके पिता (जो हत्या के केस में जेल में हैं) और ठाकुर समुदाय का अपमान किया. 'अपमान' का बदला लेने की इच्छा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि वह जातिवाद में विश्वास नहीं रखती हैं. वह सरकारी योजनाओं में गरीबों के लिए पारदर्शी और उचित आवंटन चाहती हैं.इस बात पर मिली टिकटरूपाली ने कहा, 'मैंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या चाहती हो. मैंने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार छोटेलाल वर्मा के खिलाफ उनके आपत्तिजनक बयान की वजह से चुनाव लड़ना चाहती हूं. मैं आपसे यह भी वादा करती हूं कि मैं यह सीट जीत जाऊंगी.' बता दें कि दीक्षित ने बीजेपी से भी टिकट पाने का प्रयास किया था.मर्डर केस में पिता समेत परिवार के 4 लोगों को उम्रकैदआपको बता दें कि रूपाली के पिता समेत उनके परिवार के 4 लोग हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. परिवार के 4 लोगों को मिली इस सजा के बाद ही रूपाली 2016 में फतेहाबाद लौटीं. इसके बाद उन्होंने सियासत में कदम रखा और अब सपा की टिकट पर फतेहाबाद सीट से ही चुनाव लड़ रही हैं. 75 वर्षीय अशोक दीक्षित को साल 2015 में सरकारी स्कूल के एक टीचर सुमन यादव की हत्या का दोषी ठहराया गया था. साल 2007 में हुआ यह हत्याकांड काफी सुर्खियों में रहा था, जिसमें दीक्षित परिवार के 3 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई.
Disclaimer
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।