एम्बुलेंस: Royal Enfield Classic 350 को माॅडिफाई कर बनाया एम्बुलेंस
एम्बुलेंस - Royal Enfield Classic 350 को माॅडिफाई कर बनाया एम्बुलेंस
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Updated on: 18-Jan-2021 05:48 PM IST
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोमवार को एक विशेष रूप से विकसित बाइक एम्बुलेंस, 'रक्षिता' को लॉन्च किया। 'रक्षिता' एक बाइक एम्बुलेंस है जिसे नक्सली मुठभेड़ में घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाने के लिए उपयोग में लाया जाएगा। जानकारी के अनुसार विशेष रूप से तैयार किये गए इन एम्बुलेंस का इस्तेमाल सीआरपीएफ और पैरामेडिक जवान करेंगे।
सीआरपीएफ ने बताया कि बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा के जंगलों में अक्सर नक्सलियों से मुठभेड़ चलती रहती है। जंगल में पक्की सड़कों के आभाव में बड़े एम्बुलेंस को ले जाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में बाइक एम्बुलेंस आसानी से जंगली रास्तों से होते हुए घटना स्थल तक पहुंच सकते हैं।
सीआरपीएफ ने बताया कि कई बार घायल जवानों के समय से अस्पताल न पहुँच पाने के कारण उनकी मौत हो जाती है। इस क्षति से बचने के लिए और जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डीआरडीओ की मदद से बाइक एम्बुलेंस को तैयार किया गया है।
रक्षिता बाइक एम्बुलेंस की बात करें तो, इसे रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 के मॉडल पर बनाया गया है। बाइक के पीछे मरीज के लिए एक फोल्ड होने वाली आरामदायक सीट लगाई गई है। सीट को इस तरह बाइक पर लगाया गया है कि यह पूरी तरह फिट हो गई है और इससे बाइक का संतुलन भी बना रहता है।
बाइक में सीट के साथ आपात स्थिति से निपटने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और एक फर्स्ट ऐड बॉक्स भी लगाया गया है। इस एम्बुलेंस में मरीज का ब्लड प्रेशर मापने के लिए एक डिजिटल मीटर भी लगाया गया है।
सीट को लगाने के बाद भी इसमें बाइक को चलाने वाले के लिए पर्याप्त जगह है। बाइक के हेडलाइट के ऊपर दिल की धड़कन मापने के लिए एक डिजिटल मीटर भी लगाया गया है।
इस एम्बुलेंस में एक साईरन और लाइट भी लगाया गया है। बाइक की सीट की खासियत है कि इसे जरूरत के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है, साथ ही इसमें स्लाइडिंग फीचर भी दिया गया है जिससे मरीज को बैठने और उतारने में आसानी हो।
सीआरपीएफ ने इस बाइक एम्बुलेंस का डेमो भी दिया है जिसमे मरीज के साथ बाइक में लगे सभी उपकरणों की प्रदर्शनी और काम करने के तरीके को दिखाया गया है। सीआरपीएफ ने बताया है कि इस एम्बुलेंस की कमी काफी वर्षों से खाल रही थी, अब मुठभेड़ में घायल जवानों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा।
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