Parliament Winter Session: 'संभल में भाईचारे को गोली मारी गई'- लोकसभा में अखिलेश यादव ने उठाया मुद्दा
Parliament Winter Session - 'संभल में भाईचारे को गोली मारी गई'- लोकसभा में अखिलेश यादव ने उठाया मुद्दा
Parliament Winter Session: लोकसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को एक सोची-समझी साजिश करार देते हुए इस घटना पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में चार लोगों की जान गई और इसके लिए सीधे तौर पर स्थानीय प्रशासन और सरकार जिम्मेदार हैं। अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग करते हुए जिम्मेदारी और पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया।संभल में भाईचारे को गोली मारी गईअखिलेश यादव ने शून्यकाल में लोकसभा में कहा कि संभल की घटना भाईचारे को तोड़ने की एक सोची-समझी साजिश है। उन्होंने कहा, "संभल में लोग सदियों से भाईचारे के साथ रहते आए हैं, लेकिन जो घटना वहां हुई है, वह एक साजिश का हिस्सा है।" अखिलेश ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगी दल पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे देश के भाईचारे को खतरा हो सकता है।संभल में खुदाई से सौहार्द पर संकटअखिलेश यादव ने यह भी कहा कि बीजेपी और अन्य दलों द्वारा किए जा रहे खुदाई के प्रयासों से संभल के सौहार्दपूर्ण माहौल को नुकसान हो सकता है। "संभल में खुदाई सौहार्द को खोद देगी," उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी। सपा प्रमुख ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव से समाज में भाईचारा कमजोर हो सकता है।संभल हिंसा के लिए प्रशासन और अफसर जिम्मेदारअखिलेश यादव ने कहा कि संभल हिंसा के लिए याचिका दायर करने वाले और स्थानीय प्रशासन दोनों ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले में शामिल जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। "पुलिस प्रशासन ने संभल का माहौल बिगाड़ा, और इसे नियंत्रित करने के बजाय, पुलिस ने बेकसूरों को गोली मारी।" उन्होंने कहा कि दोषी अफसरों को निलंबित किया जाना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।संभल हिंसा पर सरकार की असंवेदनशीलताअखिलेश यादव ने इस घटना को सरकार की असंवेदनशीलता का परिणाम बताते हुए कहा कि सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को सर्वे की याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद बिना किसी सुनवाई के सर्वे का आदेश दे दिया गया। जब यह सर्वे समाप्त हुआ, तो रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्णय लिया गया, और इसके बावजूद सर्वे की आवश्यकता बनी रही।नमाज पढ़ने से रोकने और गोलीबारी पर सवालअखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने लोगों को नमाज पढ़ने से रोका और इसके बाद हिंसा का माहौल बना। जब स्थानीय लोग और अन्य व्यक्तियों ने सर्वे की वजह पूछी, तो पुलिस ने उन पर बेकसूर होने के बावजूद गोली चला दी।अखिलेश का संदेश: लखनऊ और दिल्ली की लड़ाईअखिलेश यादव ने यह स्पष्ट किया कि यह संघर्ष केवल संभल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लखनऊ और दिल्ली के बीच एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा है। उन्होंने इस हिंसा को पूरी तरह से सरकार की नाकामी और संवैधानिक मूल्यों के उल्लंघन के रूप में देखा और सरकार से मांग की कि इस मुद्दे पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।अखिलेश यादव के इस बयान ने न केवल संभल हिंसा पर सवाल उठाए, बल्कि उन्होंने देशभर में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उनका यह बयान आने वाले समय में इस मुद्दे पर और भी गहरी राजनीतिक चर्चा को जन्म दे सकता है।