India-China : चीन का दावा- ज्यादातर जगहों से पीछे हट गए हैं सैनिक, पैंगोंग पर सवाल बरक़रार

India-China - चीन का दावा- ज्यादातर जगहों से पीछे हट गए हैं सैनिक, पैंगोंग पर सवाल बरक़रार
| Updated on: 29-Jul-2020 08:29 AM IST
बीजिंग। चीन (China) ने दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली (Galwan Valley) में में हुए भारत-चीन सैनिकों के हिंसक संघर्ष (India-China Faceoff) के बाद शुरू की गई शांति प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को दावा किया कि दोनों देशों के सैनिक LAC से दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं और जमीनी स्तर पर तनाव अब सामान्य स्थिति में पहुंच गया है। उधर भारतीय सरकार के सूत्रों का दावा है कि चीन का यह बयान गलत है, पैंगोंग सो (Pangong Tso Lake) इलाका अभी भी ऐसा है जहां से चीन की सेना बातचीत के मुताबिक वापसी नहीं कर रही है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और कोंगका दर्रा इलाकों में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और सिर्फ पैंगोंग सो इलाके में ही सैनिकों को पीछे हटना है। प्रवक्ता ने इस बात का जिक्र किया कि चीन और भारत ने हाल ही में सैन्य एवं कूटनीतिक माध्यमों से गहन बातचीत की है। वांग ने कहा कि सीमा पर अग्रिम पंक्ति के चीनी और भारतीय सैनिकों ने ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है। वांग ने कहा, 'हमने कमांडर स्तर की चार दौर की वार्ता की और परामर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की तीन बैठकें की। अब शेष मुद्दों के समाधान के लिये कमांडर स्तर की पांचवें दौर की वार्ता के लिए दोनों पक्ष सक्रियता से तैयारी कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत हमारे बीच बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिये चीन के साथ काम करेगा और सीमावर्ती इलाके में शांति एवं स्थिरता को कायम रखेगा।' हालांकि चीन के इस दावे पर भारतीय पक्ष ने सवाल खड़े किये हैं।


कई जगह चीनी सेना अभी भी मौजूद!

दोनों देशों की सेनाएं बातचीत के बाद गलवान घाटी, पट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स/गोगरा इलाके से पीछे हट चुकी हैं लेकिन अभी भी पैन्गॉन्ग सो झील के पास फिंगर इलाके में इसे लागू किया जाना बाकी है। वॉन्ग ने कहा कि चीन उम्मीद कर रहा है कि भारत इस देश में आधा रास्ता चले और दोनों देशों के बीच सहमति का पालन करे ताकि एकसाथ सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। वहीं, भारतीय सरकार के सूत्रों ने चीन के बयान को गलत बताया है। डोभाल और वांग के बीच हुई बातचीत के बाद भारत और चीन, दोनों देशों ने छह जुलाई से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी। ये दोनों सीमा मुद्दे पर अपने-अपने देश के विशेष प्रतिनिधि हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वॉन्ग वेनबिन ने ग्लोबल टाइम्स को बताया है कि हालात सुलझना और शांति की ओर बढ़ना जारी है। उन्होंने यह भी बताया है कि कमांडर-स्तर की बातचीत के पांचवे दौर की तैयारी चल रही है जिसमें बाकी के मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कमांडर-स्तर की बातचीत के चार राउंड और सीमा के मुद्दों पर चर्चा और समन्वय पर तीन बैठकें की जा चुकी हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को 'शीघ्र एवं पूरी तरह से' हटाने पर सहमत हुए हैं तथा जल्द ही और अधिक सैन्य वार्ता हो सकती है, ताकि सैनिकों को 'शीघ्रता से' पूरी तरह से पीछे हटाने तथा तनाव कम करने और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता को बहाल करना सुनिश्चित करने की खातिर और भी कदम उठाये जा सकें।

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