Vice President Of India: भारत ने अपने 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन को चुना है। 67 वर्षीय राधाकृष्णन ने हाल ही में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में 452 वोट हासिल कर यह प्रतिष्ठित पद प्राप्त किया। वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत राधाकृष्णन अब देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी राजनीतिक यात्रा, सामाजिक योगदान और लंबे अनुभव ने उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाया है।
सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ। मात्र 17 वर्ष की आयु में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए, जिसने उनके वैचारिक और राजनीतिक जीवन को आकार दिया। RSS के साथ उनका यह जुड़ाव उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा, जिसने उनकी नेतृत्व क्षमता को निखारा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ उनका लंबा और समृद्ध राजनीतिक सफर रहा है, जो उनकी संगठनात्मक क्षमता और समर्पण को दर्शाता है।
राधाकृष्णन का औपचारिक राजनीतिक करियर 1998 में शुरू हुआ, जब वे कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। उनकी यह जीत विशेष रूप से उल्लेखनीय थी, क्योंकि यह कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुई थी। इस कठिन समय में उन्होंने न केवल अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की, बल्कि तमिलनाडु में BJP को मजबूत करने में भी योगदान दिया। 1998 और 1999 के आम चुनावों में वे लगातार दो बार सांसद चुने गए। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
2004 से 2007 तक राधाकृष्णन तमिलनाडु BJP के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य में पार्टी के संगठन को मजबूत करने और इसके आधार को विस्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वे कोयंबटूर से BJP के उम्मीदवार थे। 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से अधिक वोट हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया, जो तमिलनाडु जैसे चुनौतीपूर्ण राज्य में BJP के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।
राधाकृष्णन ने न केवल तमिलनाडु में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी BJP के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य रहे और 2016 से 2020 तक केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कोयर बोर्ड के चेयरमैन के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने कोयर उद्योग को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए।
2023 में राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस भूमिका में उन्होंने आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण और सामाजिक समावेशन पर विशेष ध्यान दिया। उनकी नीतियों और पहलों ने झारखंड में सामाजिक विकास को गति दी। फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया और विपक्षी दलों के साथ भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे। उनकी यह क्षमता उन्हें एक कुशल प्रशासक और संतुलित नेता के रूप में स्थापित करती है।
सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना उनके लंबे और विविध अनुभव का परिणाम है। RSS के स्वयंसेवक से लेकर सांसद, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य, कोयर बोर्ड के चेयरमैन और दो राज्यों के राज्यपाल के रूप में उनकी यात्रा प्रेरणादायक है। उनके नेतृत्व में उपराष्ट्रपति का कार्यालय निश्चित रूप से नई ऊंचाइयों को छूएगा। उनकी संवैधानिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ उनकी समावेशी और सहयोगी कार्यशैली देश के लिए एक संपत्ति साबित होगी।