कोरोना वायरस: अधिक टेस्टिंग से अधिक कोविड-19 केस मिलने के चलते ज़रा भी चिंता न करें राज्य: पीएम मोदी

कोरोना वायरस - अधिक टेस्टिंग से अधिक कोविड-19 केस मिलने के चलते ज़रा भी चिंता न करें राज्य: पीएम मोदी
| Updated on: 09-Apr-2021 12:09 PM IST
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना पर समीक्षा बैठक के बाद एक तरफ लोगों से लापरवाही नहीं बरतने की अपील की तो राज्य सरकारों को टेस्टिंग बढ़ाने और कंटेनमेंट जोन के जरिए संक्रमण को नियंत्रित करने की सलाह दी। पीएम मोदी ने यह भी ऐलान किया है कि 11 से 14 अप्रैल के बीच देश में टीका उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने इस दौरान राज्यों से 45 साल से अधिक उम्र के अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने को कहा है। पीएम मोदी ने कोरोना के खिलाफ मुकाबले में नाइट कर्फ्यू के फायदे बता यह भी साफ कर दिया है कि देश में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगने जा रहा है।

'फर्स्ट पीक को पार करना चिंता का विषय'

पीएम मोदी ने कहा, ''आज की समीक्षा में कुछ बातें हमारे सामने स्पष्ट हैं, उन पर हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पहला- देश फ़र्स्ट वेव के समय की पीक को क्रॉस कर चुका है, और इस बार ये ग्रोथ रेट पहले से भी ज्यादा तेज है। दूसरा- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य फ़र्स्ट वेव की पीक को भी क्रॉस कर चुके हैं। कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं। हम सबके लिए ये चिंता का विषय है।''

'अब हमारे पास संसाधन और अनुभव' 

पीएम मोदी ने कहा, ''इन तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव है, संसाधन हैं, और वैक्सीन भी है। जनभागीदारी के साथ-साथ हमारे परिश्रमी डॉक्टर्स और हेल्थ-केयर स्टाफ ने स्थिति को संभालने में बहुत मदद की है और आज भी कर रहे हैं। टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर और कोविड मैनेजमेंट, इन्हीं चीजों पर हमें बल देना है।''

'ज्यादा केस से ना घबराएं, टेस्टिंग बढ़ाएं'

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जितना अधिक टेस्टिंग करेंगे उतनी जल्दी कोरोना को नियंत्रित कर सकते हैं। पीएम ने कहा, ''हम जितनी चर्चा वैक्सीन की कर रहे हैं उससे ज्यादा टेस्टिंग की करनी है। हमारे पास वायरस को कंटेन करने का अहम तरीका है कि हम ह्यूमन होस्ट को कंटेन करें। कोरोना ऐसी चीज है जब तक आप उसे ले के नहीं आयोगे घर नहीं आता। इसमें टेस्टिंग और ट्रैकिंग की बहुत भूमिका है। टेस्टिंग को हमें हर राज्य में इतना बढ़ाना होगा कि पॉजिटिव रेट 5 फीसदी के नीचे आए। हमारे देश में ज्यादा केसों वाले राज्यों की आलोचना होने लगी तो मैंने कहा था कि आप संख्या बढ़ने की चिंता मत करिए। संख्या ज्यादा है इसलिए आप गलत कर रहे हैं यह सोचने की जरूरत नहीं है। आप ज्यादा टेस्टिंग करते हैं तो केस सामने आते हैं, आलोचना करते हैं तो करने दीजिए। ज्यादा केस आते हैं तो आने दीजिए, लेकिन बाहर निकलने का रास्ता यही है। हमारा टारगेट 70 फीसदी आरटीपीसीआर टेस्ट का है।''

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