Haryana Election 2024: हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशी पर वोटिंग से पहले ही ED का शिकंजा, करोड़ों की संपत्ति जब्त

Haryana Election 2024 - हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशी पर वोटिंग से पहले ही ED का शिकंजा, करोड़ों की संपत्ति जब्त
| Updated on: 27-Sep-2024 09:11 AM IST
Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे दिन नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक गतिविधियां तेज होती जा रही हैं। भाजपा, कांग्रेस, और अन्य दलों के नेता अपनी चुनावी रैलियों और प्रचार अभियानों में जुटे हुए हैं। इसी बीच, चुनावी गर्मी के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस विधायक राव दान सिंह और उनके बेटे समेत कुछ अन्य लोगों से जुड़ी संस्थाओं की 44 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जब्त की हैं। आइए जानते हैं इस मामले का पूरा विवरण और इसके राजनीतिक असर।

कौन हैं राव दान सिंह?

65 वर्षीय राव दान सिंह हरियाणा के महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के चार बार के विधायक हैं। वह एक अनुभवी राजनेता और व्यवसायी हैं, जिन्होंने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के धर्मबीर सिंह से हार गए थे। कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें फिर से महेंद्रगढ़ से टिकट दिया है, जहां 5 अक्टूबर 2024 को वोटिंग होगी। चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

जब्त की गई संपत्तियां

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बताया कि उसने राव दान सिंह और उनके बेटे अक्षत सिंह से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं की 44 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। इसमें हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 99ए में स्थित कोबन रेजीडेंसी के 31 फ्लैट, गुरुग्राम के हरसरू गांव में 2.25 एकड़ जमीन और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। इसके साथ ही सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और आईएलडी समूह से जुड़ी संस्थाओं के दिल्ली, गुरुग्राम, रेवाड़ी और जयपुर में भी संपत्तियां जब्त की गई हैं।

क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का पूरा मामला?

यह मामला 1,392.86 करोड़ रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़ा है। एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड नामक कंपनी पर CBI द्वारा दर्ज एक केस पर यह कार्रवाई आधारित है। ईडी का आरोप है कि इस लोन धोखाधड़ी के माध्यम से प्राप्त धन से राव दान सिंह की संस्थाओं को लगभग 19 करोड़ रुपये मिले थे। हालांकि, ईडी ने यह भी बताया कि राव दान सिंह और उनके परिवार के सदस्य अब तक जांच में शामिल नहीं हुए हैं।

चुनावी माहौल में असर

इस घटनाक्रम का असर हरियाणा विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग और संपत्तियों की जब्ती जैसे गंभीर आरोपों के चलते विपक्षी दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेंगे। वहीं, कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए हर सीट महत्वपूर्ण है।

राव दान सिंह, जो पहले से ही चार बार विधायक रह चुके हैं, इन आरोपों से राजनीतिक दबाव में आ सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस अब तक उन्हें समर्थन दे रही है और उम्मीद कर रही है कि चुनावी मैदान में यह मुद्दा उनके लिए भारी न पड़े।

निष्कर्ष

हरियाणा विधानसभा चुनाव के पहले इस तरह की कानूनी कार्रवाई चुनावी माहौल को गर्म कर सकती है। राव दान सिंह और उनके परिवार पर लगे ये आरोप कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं, जबकि भाजपा और अन्य दल इस मामले को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। अब देखना यह होगा कि चुनाव प्रचार में यह मुद्दा किस हद तक प्रभाव डालता है और मतदाताओं पर इसका क्या असर होता है।

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