Congress Yatra: असम में राहुल समेत कई कांग्रेसी नेताओं पर FIR, CM हिमंत ने दी धाराओं की जानकारी

Congress Yatra - असम में राहुल समेत कई कांग्रेसी नेताओं पर FIR, CM हिमंत ने दी धाराओं की जानकारी
| Updated on: 24-Jan-2024 08:30 AM IST
Congress Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस वक्त पूर्वोत्तर राज्यों में भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। हालांकि, असम में प्रशासन से राहुल गांधी की ठन हुई है। कांग्रेस नेताओं और समर्थकों को गुवाहाटी के मुख्य मार्गों पर प्रवेश करने से रोकने के लिए राजमार्ग पर बैरिकेड लगाए गए थे लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दिया और पुलिस से उलझ गए थे। अब इस मामले में असम पुलिस ने हिंसा में शामिल होने के आरोप में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज कर ली है।

सीएम हिमंत ने दी धाराओं की जानकारी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके बताया है कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा हिंसा, उकसावे, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिस कर्मियों पर हमले के अनियंत्रित कृत्यों के संदर्भ में राहुल गांधी, के.सी. वेणुगोपाल, कन्हैया कुमार और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ धारा 120 (बी) 143/147/188/283/353/332/333/427 आईपीसी आर/डब्ल्यू धारा 3 पीडीपीपी अधिनियम के तहत एक FIR दर्ज़ की गई है। इससे पहले सीएम ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को अवरोधक तोड़ने के लिए भीड़ को उकसाने को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। 

क्या था पूरा मामला?

गुवाहाटी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। राहुल गांधी ने बस के ऊपर खड़े होकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस के लोगों ने अवरोधक हटा दिए हैं, लेकिन हम कानून नहीं तोड़ेंगे। राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बब्बर शेर करार दिया था। उन्होंने कहा था कि आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि हम कमजोर हैं। हमने अवरोधक हटा दिए हैं।

राहुल ने भीड़ को उकसाया- सीएम सरमा

मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने राहुल गांधी के भाषण का एक वीडियो साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- "प्रमाण सामने आ रहे हैं कि किस प्रकार से राहुल गांधी और जितेंद्र सिंह ने भीड़ को असम पुलिस के जवानों को मारने के लिए भड़काया। हमारे जवान जनता के सेवक हैं, किसी शाही परिवार के नहीं। निश्चिंत रहिए, क़ानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, आप तक जरूर पहुंचेंगे।"

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