गाजा शांति शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी को मिस्र से न्योता, ट्रंप से मुलाकात की संभावना

गाजा शांति शिखर सम्मेलन - पीएम मोदी को मिस्र से न्योता, ट्रंप से मुलाकात की संभावना
| Updated on: 12-Oct-2025 04:41 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने गाजा शांति समझौते के हस्ताक्षर समारोह में शिरकत करने का निमंत्रण दिया है और यह ऐतिहासिक कार्यक्रम मिस्र के शर्म अल-शेख शहर में 13 अक्टूबर को आयोजित होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सिसी के संयुक्त नेतृत्व में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में दुनिया के 20 से अधिक देशों के नेता हिस्सा लेंगे। यदि पीएम मोदी इस सम्मेलन में शामिल होते हैं, तो यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी। पहली आमने-सामने की बैठक हो सकती है, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई गति मिलने की उम्मीद है। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

युद्धविराम और शांति समझौते पर सहमति

गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष ने हजारों लोगों की जान ली है और बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। अब दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम और शांति समझौते पर सहमति बनी है। यह शिखर सम्मेलन उसी समझौते को औपचारिक रूप देने के लिए है, जो मध्य पूर्व में स्थिरता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। ट्रंप की 20-सूत्री योजना इस समझौते में केंद्रीय भूमिका निभा रही है, जिसमें तत्काल युद्धविराम, इजरायली सेना की वापसी, बंधकों की रिहाई और दीर्घकालिक शांति पर जोर दिया गया है। हमास ने इस सम्मेलन में हिस्सा न लेने का ऐलान किया है, जबकि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उपस्थिति पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।

भारत का प्रतिनिधित्व और कूटनीतिक भूमिका

भारत सरकार ने पहले ही विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को इस शिखर सम्मेलन में भेजने का निर्णय लिया है। वे देश का पक्ष रखेंगे और शांति प्रक्रिया के प्रति भारत के समर्थन को दोहराएंगे। भारत ने हमेशा इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखे हैं। इस सम्मेलन में भारत की भागीदारी न केवल क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा। देगी, बल्कि फिलिस्तीनी मुद्दे पर हमारी मानवीय प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगी। पीएम मोदी की संभावित यात्रा इस अवसर को और भी खास बना सकती है, खासकर ट्रंप के साथ व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत के लिए यह महत्वपूर्ण रहेगा। भारत ने गाजा संकट में मानवीय सहायता भेजी है और संवाद का पक्ष लिया है। यह समिट भारत को मिस्र के साथ द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत करने का भी मौका देगी।

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